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    Saturday, April 20, 2024
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      थानेदार उड़ा रहा डीजीपी तक के आदेश की धज्जियाँ, प्राइवेट ड्राइवर भी सुभान अल्लाह !

      बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)।  नालंदा जिले में दीपनगर एक ऐसा थाना है, जहाँ के थानेदार के लिए एसपी तो दूर, डीजीपी तक के आदेश कोई मायने नहीं रखते।

      डीजीपी का आदेश है कि कोई भी चौकीदार या दफादार थाना में कम और अपने क्षेत्र में अधिक नजर आएंगे। ताकि अपराध पर अंकुश लगाने में आसानी हो। लेकिन दीपनगर के थानाध्यक्ष मो. मुस्ताक अहमद उनके आदेश की खुलेआम धज्जियाँ उड़ा रहे है।

      बताया जाता है कि मधड़ा के दफादार रंजन कुमार सिंह थाना की सरिस्ता संभाले बैठा है।  वहीं चौकीदार अरुण पासवान थाना की वाहन का चालक बना बैठा है।

      सबाल उठता है कि जब ये दोनों दफादार-चौकीदार दिन रात थाना में ही जमा रहते हैं तो उनके क्षेत्र मे होने वाली घटना पर नजर या उसकी जानकारी किस अलाउद्दीन के चिराग से मिलती है। जानकारी भी चौकीदार को नही रहती होगी .जब की

      इधर नालंदा के एसपी हरि प्रसाद एस ने भी आदेश जारी किया थाकर रखा है कि कोई भी चौकीदार थाना की बजाय अपने क्षेत्र में रहेगा। आश्चर्य है कि जिला पुलिस मुख्यालय के घेरे में अवस्थित दीपनगर थानाध्यक्ष उनकी नजर से परे है।

      प्राप्त वीडियो के अनुसार दीपनगर थानाध्यक्ष की गाड़ी पर एक लड़का चालक की सीट पर बैठा है। जब पत्रकार ने पूछा कि तुम सरकारी ड्राईवर हो तो इस पर पवन कुमार नामक उस किशोर ने न उल्टे पुलिसिया रौव दिखाने लगा।

      जबकि इस प्राईवेट चालक के पास वाहन चालाने का लाईसेंस भी नही था। पुछने पर इस चालक ने बताया कि लाईसेन्स घर पर रखा हुआ है।

      सवाल उठता है कि थानाध्यक्ष या थाना की गाड़ी चालने वाले चालक का यदि ड्राईविंग लाईसेंस है भी तो वह गाडी चालाने के समय वह अपने पास लाईसेंस रखेगा या घर पर। जबकि यही पुलिस वाले वैसे मामले में दूसरे का चालान काटने से जरा भी नहीं हिचकते।

      बता दें कि इसके पहले दीपनगर थाना भवन की छत पर शराब पीने का वीडियो वायरल हुआ था। लेकिन उस वायरल वीडियो की जाँच किये बिना तीन निर्दोष पुलिस बाले पर गाज गिराकर पुलिस महकमे ने अपनी पीठ थपथपा ली। अपना पीठ अपने हाथो से थपथापाई .बाली कहाबत हो गई है .जब की

      बहरहाल, एक तरफ जहाँ सूबे के मुखिया यानि सीएम नीतीश कुमार यह कहते नहीं थक रहे हैं कि शराब के खेल मे कोई भी पुलिस वाले जवान या पदाधिकारी पकड़े जाते है तो उनको नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। लेकिन शराब न पीने और न पीने देने की शपथ लेने वाले दीपनगर थाना पुलिस को वैसे ही गंभीर मामले में क्लीन चिट सब ढोंग खोल जाती है।

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