नालंदा दर्पण डेस्क। अमुमन प्रतियोगिता में बेहतर अंक लाना नियोजन की राह आसान करता है। लेकिन बिहार के सरकारी स्कूलों में नियोजित शिक्षकों खासकर बहुतेरे ग्रामीण शिक्षकों के लिए मुसीबत बनने वाली है। अब सक्षमता परीक्षा में बेहतर अंक लाने वाले शिक्षकों को शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा।
खबरों के मुताबिक बिहार शिक्षा विभाग उसी आधार पर नियोजित शिक्षकों को स्कूल आवंटन की तैयारी में जुट गया है। संभावना है कि लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही सक्षमता पास नियोजित शिक्षकों के पदस्थापन की प्रक्रिया शुरू आरंभ हो जाएगी।
फिलहाल शिक्षा विभाग इसे लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के रिक्त पदों की अलग-अलग गणना करा रहा है। सभी जिलों को पहले ही इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी हो चुके हैं। सक्षमता पास नियोजित शिक्षकों को स्कूल का आवंटन ऑटोमेटिक सॉफ्यवेयर के जरिए से करने की योजना है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार सबसे पहले रिक्त पदों और शिक्षकों की सूची को क्रमवार सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। उसके बाद वह सॉफ्टवेयर स्कूल का आवंटन स्वतः कर देगा। इसमें किसी तरह का बदलाव किए जाने की संभावना न के बराबर है।
बता दें कि सक्षमता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों को आवंटित जिलों के सरकारी स्कूलों में नये सिरे से पदस्थापित किया जाएगा। नए स्कूल में योगदान करने के बाद ही उन्हें सरकारी शिक्षक (विशिष्ट शिक्षक) माना जाएगा। पहली सक्षमता परीक्षा में एक लाख 87 हजार शिक्षक उत्तीर्ण हुए हैं, वहीं लगभग 85 हजार नियोजित शिक्षक दूसरी सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन कर चुके हैं।
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