बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने एक बड़ा निर्णय (Education Department’s big decision) लेते हुए सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया है। इस निर्णय के तहत 31 मार्च 2025 के बाद आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से नियोजित पदाधिकारियों और कर्मियों की सेवाएं नहीं ली जाएंगी।
मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि योजना में कार्यरत कर्मियों की सेवाओं की समीक्षा करने पर बजटीय प्रावधान में कमी पाई गई। इस कारण आउटसोर्सिंग एजेंसियों से नियुक्त कर्मियों की सेवा को आगे जारी रखना संभव नहीं होगा।
आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि 31 मार्च 2025 के बाद यदि किसी सक्षम प्राधिकार के आदेश के बिना इन कर्मियों की सेवा जारी रखी जाती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (पीओ एमडीएम) की होगी।
यदि किसी विद्यालय में किसी महत्वपूर्ण पद के लिए कर्मियों की सेवा नितांत आवश्यक होती है तो इसके लिए सक्षम प्राधिकार के आदेश के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा।
इस आदेश से मध्याह्न भोजन योजना में कार्यरत हजारों आउटसोर्सिंग कर्मियों के सामने नौकरी जाने का संकट खड़ा हो गया है। इससे प्रभावित कर्मी अब सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर सकते हैं।
वहीं शिक्षाविदों का मानना है कि इस फैसले से विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना की व्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है। अब देखना है कि सरकार इस फैसले पर कोई संशोधन करती है या फिर आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए किसी वैकल्पिक योजना की घोषणा की जाती है।
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