Home औंगारी सूर्य नगरी बड़गांव में भव्य कवि सम्मेलन और लोकगीत महोत्सव का आगाज

सूर्य नगरी बड़गांव में भव्य कवि सम्मेलन और लोकगीत महोत्सव का आगाज

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Grand Kavi Sammelan and Folk Song Festival begins in Surya Nagri Badgaon
Grand Kavi Sammelan and Folk Song Festival begins in Surya Nagri Badgaon

सिलाव (नालंदा दर्पण)। अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध सूर्य नगरी बड़गांव में इस वर्ष भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा हैं। छठ महापर्व के अवसर पर बड़गांव में आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में एक विशेष कवि सम्मेलन और लोकगीत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा हैं।

इस भव्य आयोजन का मुख्य उद्देश्य न केवल बड़गांव की प्राचीन गरिमा को पुनः स्थापित करना हैं, बल्कि साहित्य और संस्कृति के गहरे संबंध को भी सशक्त करना हैं। सूर्य नारायण जागृति मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर के प्रसिद्ध और शालीन कवियों को आमंत्रित किया गया हैं, जो साहित्य के माध्यम से समाज में सकारात्मक ऊर्जा और जागरूकता फैलाने का प्रयास करेंगे।

इस कार्यक्रम की तैयारी जोरों पर हैं और दस हजार श्रोताओं के बैठने की विशेष व्यवस्था की जा रही हैं। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए बड़गांव और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों के नागरिक, शिक्षाविद, समाजसेवी, उद्यमी और प्रबुद्ध जन अपना भरपूर सहयोग दे रहे हैं।

इस महोत्सव में न केवल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कवि और कवयित्रियां भाग लेंगी, बल्कि बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत लोकगीतों का भी आनंद श्रोताओं को मिलेगा।

महोत्सव में भाग लेने वाले प्रमुख कवियों में अंतर्राष्ट्रीय हास्य कवि शम्भू शिखर, डॉ. तिष्या श्री, चंदन द्विवेदी, प्रशांत बजरंगी, बनारस कुमार संजय और ओंकार शर्मा कश्यप शामिल हैं।

इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि उमेश प्रसाद उमेश करेंगे। जबकि संचालन युवा कवि संजीव कुमार मुकेश के कुशल नेतृत्व में होगा। यह आयोजन साहित्य, संस्कृति और समाज के संगम का प्रतीक बनकर बड़गांव को एक नई पहचान दिलाने की ओर अग्रसर हैं।

वेशक बड़गांव में आयोजित होने वाला यह कवि सम्मेलन और लोकगीत महोत्सव निश्चित ही श्रद्धालुओं और साहित्य प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होगा। यह न केवल मनोरंजन, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी हैं।

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