बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आज हरदेव भवन सभागार में जिला स्तरीय सलाहकार एवं समीक्षा समिति की बैठक आहूत की गई।
वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम त्रैमास में जिले का सकल साख जमा अनुपात (सीडी रेशियो) 36.63 प्रतिशत दर्ज किया गया जो कि राज्य के औसत से काफी कम है। एनुअल क्रेडिट प्लान के लिए निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 13 प्रतिशत साख का सृजन बैंकों द्वारा किया गया है।
कृषि प्रक्षेत्र में प्रथम त्रैमास में साख का सृजन लगभग 6 प्रतिशत हुआ है, जिस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई। सभी बैंकों को सीडी रेशियो तथा एनुअल क्रेडिट प्लान के विरुद्ध साख सृजन में गुणात्मक सुधार लाने का निर्देश दिया गया।
जिले में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसाय के इच्छुक/ व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों की पहचान सुनिश्चित करने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों को दिया गया। ऐसे इच्छुक व्यवसायियों की सूची को बैंकों के साथ साझा करते हुए उनके लिए क्रेडिट लिंकेज की सुविधा बैंकों के माध्यम से सुनिश्चित कराने को कहा गया।
कृषि आधारित उद्योग के लिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत विभिन्न बैंकों द्वारा 7 व्यवसायियों को परियोजनाओं के लिए 12 करोड़ 46 लाख रुपये के क्रेडिट की स्वीकृति दी गई है। ऐसी अन्य परियोजनाओं के लिए भी क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विशेष रूप से पहल करने का निर्देश सभी बैंकों को दिया गया।
केसीसी के तहत इस वित्तीय वर्ष में 595 नए खाते तथा 3112 खाते का रिन्यूअल किया गया है जो कि निर्धारित लक्ष्य से काफी कम है। समीक्षा में ज्ञात हुआ कि के सी सी से संबंधित बहुत सारे आवेदन बैंकों द्वारा त्रुटिपूर्ण कह कर लौटा दिए जा रहे हैं।
उप विकास आयुक्त ने जिला कृषि पदाधिकारी को बैंकों द्वारा लौटाए गए सभी आवेदनों की जांच कर वास्तविक स्थिति पता करने का निर्देश दिया। त्रुटिपूर्ण आवेदनों में त्रुटि का निवारण कर उसे पुनः बैंकों के पास भेजने का निर्देश दिया गया।
कुछ बैंकों द्वारा बताया गया कि एलपीसी में विलंब होने के कारण केसीसी के अधिकांश आवेदन लंबित हो रहे हैं। सभी बैंकों को 14 दिनों के अंदर ऐसे सभी आवेदकों की सूची (जो एलपीसी के कारण लंबित है), जिला कृषि पदाधिकारी को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। ऐसे आवेदकों का एलपीसी प्राथमिकता के आधार पर बनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बैंकों को 676 आवेदन भेजे गए हैं। जिनमें से 117 आवेदन बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए हैं, कुछ आवेदन बैंकों द्वारा लौटाए गए हैं तथा 163 आवेदन बैंकों के पास लंबित है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत बैंकों द्वारा 2098 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। 1553 आवेदकों को निर्धारित राशि उपलब्ध कराई गई। अभी भी बैंकों के पास 1110 आवेदन लंबित पाया गए, जिनका त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
जीविका समूह से संबंधित विभिन्न चरणों के क्रेडिट लिंकेज हेतु 2186 आवेदन बैंक के पास लंबित है जिन्हें प्राथमिकता देते हुए निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। बैंकों को सीएसपी संचालन के लिए जीविका समूह को भी प्राथमिकता देने का अनुरोध किया गया।
बिचाली व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए इच्छुक व्यवसायियों द्वारा कुल 111 आवेदन विभिन्न बैंकों को भेजा गया है। इनमें से अभी तक 40 आवेदनों को बैंकों द्वारा स्वीकृत किया गया है। शेष आवेदनों को भी निष्पादित करने का निर्देश सभी बैंकर्स को दिया गया।
जिले का साख जमा अनुपात 40 प्रतिशत से कम होने के कारण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित प्रावधान के अनुरूप एक उप समिति गठित करने का निर्देश दिया गया। इस समिति द्वारा सीडी रेशियो को बढ़ाने के लिए अनुश्रवनीय कार्य योजना तैयार कर इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी।
बैठक में वरीय उप समाहर्ता बैंकिंग, जिला अग्रणी प्रबंधक, विभिन्न बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधक, विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि, जिला कृषि पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
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