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नालंदा के 156 गांवों में मनरेगा से बनेंगे आधुनिक खेल मैदान

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को निखारने और युवाओं को बेहतर खेल सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से नालंदा जिले के 156 गांवों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत खेल मैदान बनाए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए जिले की 230 में से 145 पंचायतों में 156 गांवों की पहचान कर ली गई है। जबकि शेष 85 पंचायतों में उपयुक्त भूमि की तलाश जारी है।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रवीण कुमार के अनुसार इन खेल मैदानों का निर्माण कार्य मनरेगा के तहत किया जाएगा। जिससे न केवल खेल प्रतिभाओं को निखरने का मौका मिलेगा। बल्कि हजारों जॉब कार्डधारी मनरेगा मजदूरों को रोजगार भी प्राप्त होगा। दिसंबर के पहले सप्ताह से खेल मैदानों के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा और इसे मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पहले चरण में जिन 145 पंचायतों में खेल मैदान बनाने की योजना है, वहां भूमि चिन्हित की जा चुकी है। इस योजना के तहत 14 बड़े खेल मैदान (4-4 एकड़ के), 69 मध्यम आकार के खेल मैदान (1 से 1.5 एकड़ के) और 73 छोटे खेल मैदान (1 एकड़ के) बनाए जाएंगे। इन खेल मैदानों के निर्माण पर कुल 11.95 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।

खेल सुविधाओं से युवाओं को मिलेगा प्रोत्साहनः प्रवीण कुमार ने यह भी बताया कि इन खेल मैदानों में विभिन्न प्रकार के खेलों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। जिनमें फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, लंबी कूद, ऊंची कूद, रनिंग ट्रैक और स्टोर रूम जैसी आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अभ्यास करने के लिए उचित स्थान मिलेगा। जिससे वे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिए बेहतर तरीके से तैयारी कर सकेंगे।

प्रमुख स्थानों पर खेल मैदान निर्माण की योजनाः बड़े खेल मैदानों के निर्माण के लिए अस्थावां, बेन, एकंगसराय, हिलसा, इस्लामपुर, नूरसराय और राजगीर जैसे स्थानों को चुना गया है। वहीं मध्यम और छोटे खेल मैदान जिले के अन्य प्रखंडों जैसे चंडी, हरनौत, गिरियक, करायपरसुराय और कतरीसराय में भी बनाए जाएंगे।

यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को खेलों की ओर प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनके स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी। खेल मैदानों के निर्माण से ग्रामीण इलाकों में खेलों का माहौल बेहतर होगा। जिससे नई प्रतिभाओं को उभरने का मौका मिलेगा।

इस परियोजना के माध्यम से मनरेगा न केवल रोजगार प्रदान करेगा। बल्कि खेलों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को भी बढ़ावा देगा।

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