बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला मुख्यालय अवस्थित बिहार शरीफ सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राम सिंह पर पदस्थापित कर्मचारियों ने बात-बात पर माँ-बहन की गालियाँ देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस दौरान वे अस्पताल में पदास्थापित महिला कर्मियों को भी गंदी-गंदी गालियाँ देने से बाज नहीं आते।
अस्पताल में पदास्थापित जीएनएम मंजु कुमारी सिन्हा ने बताया कि जब इमर्जेंसी वार्ड में एक भी मरीज नहीं थे और सभी स्टाफ डियूटी पर बैठे थे। इस दौरान वह कुछ देर के लिये बाथरुम गई थी। इसी बीच सिविल सर्जन आये और आते ही गंदी-गंदी गाली देने लगे।
अस्पतालकर्मी अशोक कुमार ने बताया कि वह भी डियूटी पर मौजुद थे। फिर भी सिविल सर्जन ने माँ-बहन की गालियाँ दी और मारने के लिए जूता तक उठा लिया।
वही आदेशपाल दिनेश चौधरी ने बताया कि सिविल सर्जन आते ही बिना कुछ पूछे माते माँ बहन की गाली देते हुए मारने लगे।
सवाल उठता है कि क्या सुशासन की सरकार में कनीय कर्मचारियों की कोई सम्मान नहीं है। क्या एक सिविल सर्जन राम सिंह को बात-बात पर माँ बहन की गाली देना शोभा देता है।
अगर सारे स्टाफ इमर्जेंसी वार्ड में मौजूद थे और तब वहाँ एक भी मरीज नहीं थे तो ऐसे में उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट जैसी हरकत के साथ एक दिन का वेतन बन्द कर शो कॉज जारी कर दिया गया। वहीं वहाँ के लापरवाह डाक्टरों को लेकर सिविल सर्जन की घिग्घी क्यों बंध जाती है।
इधर सिविल सर्जन की प्रताड़ना से अजीज अस्पतालकर्मियों ने जिला पदाधिकारी से लिखित शिकायत कर न्यायोचित कार्रवाई की माँग की है।