बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक-नो योर कस्टमर) की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य राशन कार्ड से मृत सदस्यों के नाम हटाकर इसे अद्यतन करना है। इसके अंतर्गत सभी राशन कार्ड धारकों को अपने और अपने परिवार के सदस्यों की ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। हालांकि जिले के 30 फीसदी लाभुकों ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं कराई है, जो कि एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
नालंदा जिले में कुल 23.55 लाख लाभुकों में से अब तक केवल 20.32 लाख लाभुकों ने ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी की है, जो कुल लाभार्थियों का लगभग फीसदी है। इसके बावजूद 3.32 लाख लाभुक अभी भी इस अनिवार्य प्रक्रिया से बाहर हैं। शनिवार तक प्राप्त जानकारी के अनुसार यह संख्या उन लाभुकों की है, जिन्होंने अब तक ई-केवाईसी नहीं कराई है और अगर 31 दिसंबर तक ऐसा नहीं किया जाता है तो उन्हें राशन मिलना बंद हो सकता है।
हालांकि सरकार ने ई-केवाईसी कराने की अंतिम तिथि को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है, ताकि सभी लाभुक समय पर इसे पूरा कर सकें। इस संबंध में एक आवश्यक सूचना जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि सभी राशन कार्डधारकों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ अनिवार्य रूप से ई-केवाईसी करानी होगी। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो सरकार उन लाभुकों के नाम राशन कार्ड से हटा सकती है।
वहीं, चेतावनी दी गई है कि जो लाभुक समय सीमा के भीतर ई-केवाईसी नहीं कराएंगे और फिर भी राशन का लाभ लेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उठाए गए खाद्यान्न का बाजार मूल्य वसूल किया जाएगा। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करेगी कि राशन कार्ड से मृत या पलायन कर चुके हैं या शादीशुदा बेटियों के नाम हटाए जाएं। ताकि केवल सही लाभुकों को ही इसका फायदा मिल सके।
यदि ई-केवाईसी निर्धारित तिथि तक पूरी नहीं की जाती है तो राशन कार्डधारकों का नाम सूची से हटा दिया जाएगा और उन्हें चावल और चीनी जैसी आवश्यक वस्तुएं मिलना बंद हो जाएंगी। साथ ही ऐसे लाभुकों को सरकारी खाद्य सुरक्षा योजना से भी बाहर कर दिया जाएगा।
फिलहाल सरकार ने इस प्रक्रिया को निःशुल्क करने का प्रावधान किया है और इसे राशन विक्रेता के माध्यम से ई-पॉस मशीन द्वारा कराया जा रहा है। इसलिए सभी लाभुकों को समय पर ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। ताकि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
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