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नालंदा उद्यान महाविद्यालय में बनेंगे राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाएं

नालंदा उद्यान महाविद्यालय के इस प्रयास से न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी कृषि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित होने की उम्मीद है...

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय में बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर की छह सदस्यीय उच्चस्तरीय टीम ने दौरा किया। इस दौरान टीम ने महाविद्यालय के शैक्षणिक, अनुसंधान और बुनियादी ढांचे की स्थिति का गहन निरीक्षण किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य महाविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर की उत्कृष्ट श्रेणी में लाना और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करना है।

टीम में शामिल थे कृषि अधिष्ठाता डॉ. अजय साह, आईक्यूएसी निदेशक डॉ. अनशुमान कोहली, छात्र कल्याण निदेशक डॉ. श्वेता शाम्यवी, कार्य योजना निदेशक इंजीनियर केएस रमन, नोडल पदाधिकारी डॉ. राजीव रक्षित और मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार। इस दल ने महाविद्यालय के प्रक्षेत्र में चल रहे शोध कार्यों का अवलोकन किया और वहां कार्यरत कृषि वैज्ञानिकों व छात्रों से उनकी जरूरतों और समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की।

टीम ने वर्ग कक्ष, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, बॉयज व गर्ल्स होस्टल, मिट्टी परीक्षण लैब, प्लांट प्रोटेक्शन लैब सहित अन्य प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सामने आई समस्याओं के त्वरित समाधान का आश्वासन दिया गया। साथ ही खेलकूद, प्रयोगशालाओं, वर्ग कक्षों, छात्रावासों और अन्य मूलभूत सुविधाओं को गुणवत्तापूर्ण बनाने पर जोर दिया गया ताकि छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।

कृषि अधिष्ठाता डॉ. अजय साह ने बताया कि नालंदा उद्यान महाविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर की उत्कृष्ट श्रेणी में लाने के लिए ठोस प्रयास शुरू हो चुके हैं। जल्द ही महाविद्यालय में अत्याधुनिक राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बीएयू, सबौर को हाल ही में राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ग्रेड ए प्रदान किया गया है, जो बिहार के किसी भी कृषि विश्वविद्यालय को मिला पहला सम्मान है। इस उपलब्धि के उपलक्ष्य में महाविद्यालय के सभागार में उत्कृष्टता गौरव समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बीएयू के सामूहिक प्रयासों और इस उपलब्धि को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सफलता के रूप में रेखांकित किया गया।

बता दें कि देश में 1170 विश्वविद्यालयों में से 74 कृषि विश्वविद्यालय हैं, और इनमें से केवल 200 को ही नैक से मान्यता प्राप्त है। बिहार के 39 विश्वविद्यालयों में से केवल पांच को नैक मान्यता मिली है और उनमें से मात्र दो को ग्रेड ए प्राप्त हुआ है। बीएयू, सबौर के अंतर्गत संचालित 10 महाविद्यालयों के सामूहिक प्रयासों से यह प्रतिष्ठित ग्रेडिंग हासिल की गई है।

डॉ. अजय साह ने बताया कि बीएयू प्रायोगिक शिक्षा को सुदृढ़ करने और छात्रों को वैश्विक स्तर की गुणवत्तापूर्ण कृषि शिक्षा प्रदान करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। नालंदा उद्यान महाविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने के लिए रणनीति तैयार की जा रही है। इस दिशा में प्रयोगशालाओं के उन्नयन, शोध कार्यों को बढ़ावा देने और छात्रों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रणधीर कुमार, पीआरओ डॉ. विनोद कुमार, डॉ. सीएस आजाद, डॉ. एसएस सोलंकी, डॉ. सरदार सुनील सिंह, डॉ. एपी सिंह, डॉ. संतोष कुमार चौधरी, डॉ. अचिन, डॉ. धर्मशीला ठाकुर, डॉ. दिव्या तिवारी, डॉ. नेहा रानी, डॉ. माला कुमारी, डॉ. सीमा कुमारी, डॉ. नेहा कुमारी, डॉ. वीर बहादुर सिंह, डॉ. अजित कुमार, ध्याना नंदा, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. राजीव पभूषण, डॉ. विजय कुमार, डॉ. रामबाबू रमन और डॉ. संजय सिंह सहित अन्य अधिकारी और शिक्षक उपस्थित थे।

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