नालंदा दर्पण डेस्क। झारखंड के देवघर में स्थानीय साइबर पुलिस ने जिन छह लोगों को साइबर ठग होने की शंका पर दबोचा था, पूछताछ में उनकी संलिप्तता नीट पेपर लीक मामले (NEET paper leak case) से जुड़ गया और सारे पेपर लीक सरगना संजीव मुखिया उर्फ लूटन मुखिया के करींदे निकले।
इसके बाद देवघर पुलिस ने पूरे मामले की सूचना बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) टीम को दी। उसके बाद ईओयू टीम ने दबोचे गये सभी छह युवाओं को अपने कब्जे में पटना लेकर चली गई और उनसे सघन पूछताछ के बाद पूरी तरह से स्पष्ट हो गया कि हिरासत में लिये गये सभी छह युवक सॉल्वर गैंग से जुड़े संजीव मुखिया के करींदे हैं।
देवीपुरा थानाध्यक्ष के अनुसार देवघर एम्स के पास के एक मकान से सभी छह युवाओं को दबोचा गया। बाद में पूछताछ के लिए साइबर थाना को सौंप दिया गया। पूछताछ के दौरान सारे युवक नालंदा निवासी और नीट पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के करीबी पाए गए।
कहते हैं कि पेपर लीक का मामला जब पुलिसिया जांच के अधीन चला गया तो गिरफ्तार सभी युवक देवघर में अपनी पहचान छुपाकर रहने लगे। लेकिन जिस मोहल्ले में ये लोग रह रहे थे, वहां के लोगों को इन लोगों द्वारा साइबर ठगी किये जाने की आशंका हुई। उन्हीं लोगों की गुप्त सूचना के बाद देवघर साइबर पुलिस ने इन्हें हिरासत में लिया।
पुलिस के अनुसार सबसे पहले सिंटू को दबोचा गया था। उसकी निशानदेही पर अन्य पांच को हिरासत में लिया गया। पकड़े गए युवकों में चिंटू कुमार उर्फ सिंटू, प्रशांत कुमार, पंकु कुमार, परमजीत सिंह, बलदेव सिंह और काजू कुमार शामिल हैं। इन सभी युवकों को पटना ईओयू की टीम अपने कब्जे में ले ली है।
खबरों के मुताबिक सिंटू के पास सबसे पहले नीट का पेपर पहुँचा था। सिंटू ही पटना के अलग-अलग ठिकानों से अभ्यर्थियों को लेकर लर्न प्ले स्कूल पहुंचा था। सिंटू ने ही लर्न प्ले स्कूल में सारी व्यवस्था की थी। 5 मई की सुबह करीब नौ बजे सिंटू के मोबाइल पर प्रश्न पत्र और उत्तर भेजे गये थे।
सिंटू ने प्रश्न पत्र और उत्तर प्रिंट कर अभ्यर्थियों को रटने के लिए दिया था। इसके बाद सभी को कार से अपनी निगरानी में परीक्षा केंद्र तक छोड़ने की जिम्मेदारी सिंटू और उसके साथियों की ही थी।
वहीं नीट पेपर लीक के गिरफ्तार आरोपी सिकंदर यादवेंदु ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया है कि 30-32 लाख रुपए में उसने नीतीश कुमार और अमित आनंद से नीट पेपर खरीदे थे।
इसके बाद सिकंदर ने रांची के अभिषेक कुमार, दानापुर के आयुष कुमार, समस्तीपुर के अनुराग यादव, गया के शिवनंदन कुमार को 40-40 लाख रुपए में पेपर बेचा था। इन चारों परीक्षार्थियों को नीट परीक्षा से एक रात पहले 4 मई को पटना के रामकृष्णा नगर में रातभर पेपर रटवाया गया था।
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