बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मेधी नगमा पंचायत में नवनिर्वाचित पैक्स अध्यक्ष शिवचरण प्रसाद पर गोली चलने की घटना में नया मोड़ सामने आया है। इस गोलीकांड के बाद गिरफ्तार किए गए राजद नेता विजय गोप की भाभी गीता देवी ने गोली लगने से जख्मी शिवचरण प्रसाद समेत सात लोगों पर काउंटर केस दर्ज कराया है। इस मामले में आरोपितों पर हर्ष फायरिंग, लूटपाट और बदसलूकी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
गीता देवी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार विगत 27 नवंबर की रात करीब आठ बजे जब वह अपने घर के दरवाजे पर बैठी थीं, उस समय नवनिर्वाचित पैक्स अध्यक्ष शिवचरण प्रसाद विजय जुलूस निकाल रहे थे। जुलूस में उनके साथ संजय महतो, नरेश महतो, हजारी महतो, मनोज महतो, सूरेन कुमार यादव और विरजू महतो समेत सैकड़ों की भीड़ शामिल थी। जुलूस के दौरान लोग नारेबाजी करते हुए गाली-गलौज कर रहे थे। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो नामजद आरोपियों ने हर्ष फायरिंग शुरू कर दी।
गीता देवी का कहना है कि उसी हर्ष फायरिंग के दौरान पैक्स अध्यक्ष शिवचरण प्रसाद के पैर में गोली लग गई और इसके बाद उन लोगों ने उनके गले से सोने की चेन भी छीन ली। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
बता दें कि इससे पहले घायल नवनिर्वाचित पैक्स अध्यक्ष शिवचरण प्रसाद ने अपने फर्द बयान के आधार पर एक केस दर्ज कराया था। जिसमें छह नामजद और 25 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। नामजद आरोपियों में दीपनगर निवासी पूर्व मुखिया और राजद के पूर्व युवा जिलाध्यक्ष विजय गोप, बिल्लू यादव उर्फ विजय, सुनील गोप, श्रवण यादव, पिंटू कुमार और पीयूष कुमार शामिल हैं। शिवचरण प्रसाद को गोली लगने के बाद विम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।
इसके बाद घटना की रात ही राजद नेता विजय गोप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। फिलहाल पुलिस काउंटर केस दर्ज होने के बाद पुलिस दोनों मामलों की हर एंगल से जांच कर रही है।
बहरहाल, पैक्स अध्यक्ष गोलीकांड के बाद जहां एक ओर पैक्स अध्यक्ष की ओर से गोली चलाने का मामला दर्ज किया गया, वहीं दूसरी ओर गीता देवी के काउंटर केस ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस घटना के बाद राजद और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
इस पूरे प्रकरण ने इलाके में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। पुलिस की जांच के नतीजे और गिरफ्तारियों के बाद ही इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी। फिलहाल दोनों पक्षों के आरोपों के आधार पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। अब पुलिस की जांच और अदालत के निर्णय पर ही निर्भर है कि इस मामले में कौन दोषी है और किस पर किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
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