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अब सभी सरकारी स्कूलों में क्लास 6 से 8 तक कंप्यूटर की पढ़ाई अनिवार्य

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Now computer education is compulsory from class 6 to 8 in all government schools
Now computer education is compulsory from class 6 to 8 in all government schools

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव करते हुए अब क्लास 6 से 8 तक के छात्रों के लिए कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत बच्चों को कंप्यूटर का ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा। ताकि छात्र तकनीकी ज्ञान हासिल कर सकें और डिजिटल युग में प्रतिस्पर्धी बनें।

इस ब्रिज कोर्स के लिए सरकार ने क्लास 6 से 10 तक के छात्रों के लिए कंप्यूटर की किताबें प्रकाशित की हैं। ये किताबें हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों माध्यमों में उपलब्ध होंगी। ताकि सभी छात्र आसानी से इसे समझ सकें और इसका लाभ उठा सकें।

स्पेशल क्लास में होगी कंप्यूटर की पढ़ाईः कंप्यूटर शिक्षकों को विशेष कक्षाओं के तहत बच्चों को कंप्यूटर का पाठ पढ़ाने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा को सही तरीके से लागू किया जाए।

जानकारी के अनुसार नए सत्र से क्लास 6 से 8 तक के छात्रों के लिए कंप्यूटर की पढ़ाई अनिवार्य रूप से शुरू हो जाएगी। इसके सफल क्रियान्वयन के बाद इस योजना को धीरे-धीरे क्लास 1 से 5 तक के छात्रों के लिए भी लागू किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कंप्यूटर लैब और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था की जाएगी।

संगीत शिक्षा में भी बदलाव, प्रिंसिपल करेंगे टाइमिंग तयः कंप्यूटर शिक्षा के साथ-साथ बिहार सरकार ने संगीत की शिक्षा में भी सुधार के लिए कदम उठाए हैं। अब स्कूलों में संगीत की कक्षाओं का समय प्रिंसिपल तय करेंगे। ताकि बच्चों को बेहतर संगीत शिक्षा मिल सके।

जिन स्कूलों में संगीत शिक्षकों की कमी हैं, उन स्कूलों में पास के स्कूलों से संगीत शिक्षक बुलाए जाएंगे। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि हर छात्र को संगीत सीखने का मौका मिले। भले ही उनके स्कूल में स्थायी शिक्षक उपलब्ध न हों।

भविष्य के लिए तैयार होंगे छात्रः बिहार सरकार की इस पहल से छात्रों को न सिर्फ कंप्यूटर की शिक्षा मिलेगी, बल्कि उनके समग्र विकास में भी मदद मिलेगी। डिजिटल स्किल्स के साथ-साथ संगीत जैसी कलात्मक शिक्षा से छात्रों का व्यक्तित्व और रचनात्मकता निखरेगी।

वेशक यह कदम बिहार के छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे वे न केवल देश में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। सरकार का यह प्रयास शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। जो बच्चों को तकनीकी और कलात्मक रूप से सशक्त करेगा।

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