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अब नगर निकाय क्षेत्रों में अवैध भवन निर्माण पर होगी सख्ती

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के बिहारशरीफ, हिलसा और राजगीर सहित विभिन्न नगर निकाय क्षेत्रों में अब भवन निर्माण के नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। नगर विकास एवं आवास विभाग ने घोषणा की है कि नक्शे के अनुरूप भवन निर्माण न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सबसे पहले नगर निकायों द्वारा स्वीकृत नक्शों के आधार पर निर्मित भवनों की जांच होगी। यदि गृह स्वामियों द्वारा नियमों का उल्लंघन पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

यह घोषणा बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश कुमार ने विधान परिषद में एमएलसी संजीव कुमार सिंह के एक तारांकित प्रश्न के जवाब में कही और बताया कि जांच के दौरान फर्श क्षेत्र अनुपात (एफएआर) के उल्लंघन, लोक भूमि पर अतिक्रमण और मानक के अनुसार भवन निर्माण की अनदेखी जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए वरीय अधिकारियों की एक टीम गठित की जाएगी, जो एफएआर के स्तर पर भवनों की जांच करेगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

इस कदम का उद्देश्य शहरों में अनियंत्रित और अवैध निर्माण को रोकना तथा सुव्यवस्थित शहरी विकास को बढ़ावा देना है। अब नगर निकायों ने नक्शे के अनुसार भवन निर्माण को अनिवार्य कर दिया है। यदि कोई व्यक्ति स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।

अधिकारियों का कहना है कि कई लोग बिना नक्शा स्वीकृत कराए भवन बना लेते हैं। जिससे अवैध निर्माण की समस्या बढ़ती जा रही है। इससे शहरों में ट्रैफिक जाम, जलभराव, वेंटिलेशन की कमी और आपदा जोखिम (जैसे भूकंप और आग) जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

खास तौर पर राजगीर नगर परिषद क्षेत्र में यह देखा गया है कि कई लोगों ने सरकारी कर्मियों के साथ मिलीभगत कर आवासीय नक्शे पर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं। यह म्युनिसिपल एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है और शहरी नियोजन को प्रभावित कर रहा है।

सूत्रों के मुताबिक जांच में ऐसी अनियमितताएं पकड़े जाने पर संबंधित भवन स्वामी को पहले नोटिस जारी किया जाएगा और उन्हें सुधार का मौका दिया जाएगा। यदि इसके बावजूद अवैध निर्माण को नहीं हटाया गया तो नगर परिषद या प्राधिकरण म्युनिसिपल एक्ट के तहत उसे ध्वस्त करेगा।

जानकारों के अनुसार दोषियों पर जुर्माना लगाने और कानूनी कार्रवाई करने का भी प्रावधान है। इसके अलावा नगर निकायों द्वारा नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया जा रहा है। ताकि लोग आसानी से नियमों का पालन कर सकें। पदाधिकारियों का कहना है कि नक्शे के अनुसार भवन निर्माण से न केवल अवैध निर्माण की समस्या कम होगी, बल्कि शहरों का सुनियोजित विकास भी संभव हो सकेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया गया तो शहरी क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार होगा और आपदा जोखिमों में कमी आएगी। आम लोगों से चेतावनी भरी अपील की जानी चाहिए कि वे भवन निर्माण से पहले नक्शा स्वीकृत कराएं और नियमों का पालन करें। ताकि अनावश्यक परेशानी से बचा जा सके। ताकि शहरों को अधिक सुरक्षित, सुंदर और व्यवस्थित बनाने की दिशा में ठोस प्रयास हो।

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