भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण दिवस पर पावापुरी में गुंजेंगे कविता पौडवाल-आस्था जैन के सुर

On the 2550th Nirvana Day of Lord Mahavir, the voices of Kavita Paudwal and Aastha Jain will resonate in Pavapuri
On the 2550th Nirvana Day of Lord Mahavir, the voices of Kavita Paudwal and Aastha Jain will resonate in Pavapuri

राजगीर (नालंदा दर्पण)। पावापुरी अवस्थित भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान के पास स्थित भगवान महावीर की जन्मस्थली पर इस बार 2550वें निर्वाण दिवस को भव्य रूप से मनाने की तैयारियाँ जोरों पर हैं।

30 और 31 अक्टूबर को होने वाले इस विशेष समारोह में बिहार के वित्त एवं वाणिज्य कर विभाग के मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार उद्घाटन करेंगे। इस आयोजन को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार और जिला प्रशासन नालंदा के द्वारा आयोजित किया जा रहा हैं।

भगवान महावीर की जन्मस्थली पर सांस्कृतिक कार्यक्रमः भगवान महावीर की जन्मस्थली पावापुरी दो दिनों तक सांस्कृतिक धरोहर और भक्ति के रंग में रंगी नजर आएगी। पहले दिन की सांस्कृतिक संध्या में देश की प्रसिद्ध गायिका कविता पौडवाल और भक्ति गीतों के लिए मशहूर गायिका आस्था जैन अपनी प्रस्तुति देंगी। इस सांस्कृतिक संध्या का उद्घोषण सुधीर कुमार पांडेय करेंगे।

प्रतियोगिताओं से सजेगा महोत्सव का प्रथम दिनः 30 अक्टूबर को महोत्सव की शुरुआत आदर्श मध्य विद्यालय, पावापुरी में होगी। प्रातः 10:30 बजे से स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए रंगोली, पेंटिंग, मेहंदी जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद दिगंबर जैन कोठी में मुख्य अतिथियों का आगमन होगा। 1:50 बजे महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा। जिसके बाद अतिथि विभागीय स्टॉल का निरीक्षण करेंगे। इसके आलावे शाम 4:15 बजे से भव्य सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत होगी। जिसमें देश-विदेश के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।

धार्मिक और सांस्कृतिक समर्पण का संगमः इस महोत्सव का उद्देश्य भगवान महावीर के संदेश और आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना हैं। पावापुरी, जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं, इस आयोजन के दौरान भक्तिभाव और सांस्कृतिक धरोहर के रंगों से सराबोर हो जाएगा।

क्योंकि यह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि कला और संस्कृति के माध्यम से बिहार की समृद्ध धरोहर को प्रदर्शित करने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर हैं। इस दो दिवसीय आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद हैं, जो भगवान महावीर के उपदेशों को नमन करने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेंगे।

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