“अपर मुख्य सचिव ने डीएम से डीईओ को इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश देने को कहा है…
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने डीएम को एक पत्र भेजा है। पत्र के अनुसार नियमित रूप से स्कूलों की जांच होने से छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है।
ऐसे में वर्ग कक्ष व शिक्षकों की कमी महसूस की गयी है। जब तक नियमित रुप से शिक्षकों की बहाली नहीं हो जाती है। तब तक तात्कालीक व्यवस्था के तहत शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से तय एजेंसियों से अतिथि शिक्षक की सेवा लेने का निर्णय लिया गया है।
पत्र में लिखा है कि अधिकांश स्कूलों में कमरे, फर्नीचर, लैब, लाइब्रेरी की साफ-सफाई नियमित रूप से नहीं होती है। खास कर शौचालय की सफाई तो कभी नहीं होती है। इस समस्या से निपटने के लिए एक सितंबर से निजी वेंडरों के माध्यम से सफाई करवाने का निर्णय लिया गया है।
पत्र के अनुसार बच्चों के सर्वांगीन विकास के लिए सूबे के 10 हजार स्कूलों में आईसीटी लैब लगाने की योजना है। प्रथम चरण में चार हजार 707 स्कूलों में कम्प्यूटर लगाये जाएंगे। इसके लिए 24 जुलाई को डीईओ को आदेश दिया जा चुका है।
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