“फेंके मिले नियोजन फार्म में कई शिक्षकों के फार्म भी मिले, जो किसी न किसी विधालय में नियोजित हैं। फेंका हुआ फार्म छठी क्लास से लेकर आठवां क्लास तक का है। वहीं नियोजन इकाई रजिस्टर भी सड़ी गली हालत में फेंका हुआ था….
चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी प्रखंड में शिक्षक नियोजन में अनियमितता तथा सांठगांठ का आरोप पदाधिकारियों तथा नियोजन इकाई पर लगता रहा है। चंडी प्रखंड के महकार, सालेहपुर सहित कई पंचायत हमेशा नियोजन में शक के दायरे में ही नहीं, बल्कि इन पंचायतों में बड़ा फर्जीवाड़ा कई बार उजागर हो चुका है। लेकिन हर बार मामला दब जाता है या दबाया जाता रहा है।
नियोजन इकाई में धांधली का आरोप इसी बात से लगाया जाता है कि शिक्षक नियोजन का फार्म कूड़े की ढेर की तरह फेंक दिया जाता है। ताज़ा उदाहरण प्रखंड कार्यालय के पास किसान भवन के पास शिक्षक नियोजन का फार्म बडी संख्या में फेंका मिला। फार्म फेंकें जाने की खबर के बाद पंचायत समिति सदस्य मौके पर पहुंचे।
पंचायत समिति सदस्य दया शंकर यादव, अनिल कुमार, कमलेश कुमार, कुमार सोनू, पंचायत समिति प्रतिनिधि नरेश पासवान, भोलू ने कहा कि यह प्रखंड कार्यालय की लापरवाही का नतीजा है कि शिक्षक नियोजन का फार्म फेका मिला है। वही कई रजिस्टर दीमक चाट गया। अगर कभी भविष्य में कोई डाटा प्रखंड में खोजा जाएगा तो शिक्षकों का नही मिलेगा।
फेंके मिले नियोजन फार्म में कई शिक्षकों के फार्म भी मिले, जो किसी न किसी विधालय में नियोजित हैं। फेंका हुआ फार्म छठी क्लास से लेकर आठवां क्लास तक का है। वहीं नियोजन इकाई रजिस्टर भी सड़ी गली हालत में फेंका हुआ था।
तीन साल पूर्व भी प्रखंड परिसर के पास ट्रंक का ताला तोड़कर कई पंचायतों के शिक्षक नियोजन का फार्म या तो फेंक दिया गया था या फिर गायब कर दिया गया था। जिसे लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
शिक्षक नियोजन में अनियमितता को लेकर पंसस का अनशन: महकार पंचायत के पंचायत समिति सदस्य अनिल कुमार ने प्रखंड कार्यालय में कुछ दिन पूर्व अपने पंचायत में शिक्षक नियोजन में अनियमितता को लेकर अनशन तक किया था।
बाद में कुछ पंचायत समिति सदस्यों ने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में 35-36 शिक्षकों का नियोजन फर्जी तरीके से किया गया है। उन शिक्षकों के नामों का भी खुलासा सदस्यों ने किया है।
पंचायत समिति सदस्यों ने जर्जर भवन के निर्माण पर रोक लगाई: चंडी प्रखंड कार्यालय परिसर में एक जर्जर भवन के जीर्णोद्धार कार्य को देखकर पंचायत समिति सदस्य भड़क उठे।
उन्होंने कार्य स्थल पर बिना बोर्ड के निर्माण कार्य को देखकर सदस्यों ने कहा कि राशि पंचायत समिति की है तो निर्माण कार्य भी पंचायत समिति सदस्यों की निगरानी में हो। बिचौलिए किसी भी तरह से काम नहीं कर सकते हैं।
सदस्य अनिल कुमार तथा दयाशंकर यादव ने कहा कि जो पंचायत प्रतिनिधि कार्य करवा रहें हैं, वह किसी दूसरे पंचायत के हैं और निर्माण कार्य भी घटिया हो रहा है। सदस्यों ने निर्माण कार्य रूकवा कर नये सिरे से निर्माण कार्य करवाने की गुहार बीडीओ से लगाई है।
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