बेन (नालंदा दर्पण)। बेन अस्पताल में महीनों से पानी की किल्लत की समस्या बनी है, जिसके कारण मरीज परेशान हैं। पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। लोग बाहर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
★दूर दूर से इलाज के लिए आते मरीज: प्रखंड मुख्यालय के अस्पताल में सैंकड़ों मरीज प्रतिदिन दूरदराज के क्षेत्रों से इलाज के लिए आते हैं। जिसे मरीज एवं उनके परिजनों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ती है। मरीजों के परिजन काफी दूर से बोतल में पानी भरकर लाते हैं और अपनी प्यास बुझाते हैं।
इतना हीं नहीं शौच के लिए भी मरीजों को पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। पानी के अभाव में बाथरूम की सफाई नहीं हो पा रही है। जिसके कारण बाथरूम से बदबू निकलता है। जबकि अस्पताल परिसर में दो हैंडपंप भी लगे हैं लेकिन खराब पड़े हैं।
इलाज को आए अखिलेश प्रसाद एवं रामाश्रय पंडित ने कहा कि सरकारी अस्पताल में अधिकतर गरीब मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। यहाँ पानी न मिलना बड़ी समस्या है। इससे अस्पताल आए मरीजों व अन्य लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उनलोगों ने कहा कि गरीब मरीजों के पास इतना पैसा नहीं होता कि बाहर से पानी का बोतल खरीदकर पी सके। अस्पताल आए मरीज के परिजन बिपिन कुमार ने कहा कि अधिकारियों को किसी तरह पानी मिल जा रहा है लेकिन मरीज भटक रहे हैं।
झाड़ू पोछा लगाने वाली महिला सुमित्रा देवी ने कहा कि झाड़ू पोछा व पीने के लिए दूर से पानी लानें में काफी दिक्कत होती है। पानी लानें में हाथ दर्द करने लगता है।
अस्पताल के एएनएम पूनम कुमारी कहती है कि पहले तो बगल के मनरेगा से पानी लाते थे लेकिन वहाँ भी पानी न होने की बात कह दी गई है। तब से दूसरे जगहों और दूर से पानी लाकर पीते हैं।
गार्ड पद पर तैनात सुचित कुमार ने बताया कि यहाँ करीब महीनों से पानी की गंभीर समस्या है। गाड़े जा रहे बोरिंग की रफ्तार भी धीमी है।
★बोले अस्पताल प्रशासन: बेन पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सतीश कुमार सिन्हा का कहना है कि पूर्व से लगा बोरिंग खराब व फेल हो गया है। पीएचईडी की ओर से अलग बोरिंग की जा रही है। जिसकी रफ्तार धीमी है। जिसके कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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