अन्य
    Wednesday, October 16, 2024
    अन्य

      राजगीर: प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और अध्यात्म का उभरता प्रमुख वैश्विक पर्यटन केंद्र

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। कभी मगध साम्राज्य की राजधानी रही राजगीर आज वैश्विक पर्यटन के एक नए और प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रही है। प्राचीन सभ्यता, अद्वितीय धरोहरों और आध्यात्मिक ऊर्जा से समृद्ध यह क्षेत्र न केवल भारतीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षक केन्द्र बनता जा रहा है।

      इस संदर्भ में एक तीन दिवसीय “मगध संगोष्ठी” का आयोजन किया गया, जिसमें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा और नई दिल्ली जैसे राज्यों के प्रमुख टूर ऑपरेटरों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राजगीर, नालंदा और पावापुरी की अपार पर्यटन संभावनाओं को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना था।

      ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहरों का अद्भुत संगमः संगोष्ठी के दौरान टूर ऑपरेटरों ने राजगीर के प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया। इनमें महात्मा बुद्ध और तीर्थंकर महावीर से जुड़े विरासत स्थल, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष और विश्व प्रसिद्ध साइक्लोपिनियन वॉल शामिल थे, जिसे चीन की महान दीवार से भी पुराना माना जाता है। पश्चिम बंगाल की निरुपमा डिकोस्टा इन धरोहरों को देखकर आश्चर्यचकित थीं।

      उन्होंने कहा, “राजगीर में इतनी समृद्ध विरासत और आध्यात्मिक ऊर्जा है, जिसका मुझे पहले कोई अंदाजा नहीं था। यह न केवल बौद्ध और जैन सर्किट का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यहां की सांस्कृतिक धरोहर भी अद्वितीय है।”

      बुनियादी ढांचे का विकास और भविष्य की योजनाएं: राजगीर में पर्यटन के लिए आधारभूत ढांचे का विस्तार भी तेजी से किया जा रहा है। हाल के वर्षों में फोरलेन सड़कों का निर्माण, हवाई अड्डे की योजना और अन्य सुविधाओं में वृद्धि हुई है। हालांकि, टूर ऑपरेटरों ने इंटर-स्टेट रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।

      एसोसिएशन ऑफ बुद्धिस्ट टूर ऑपरेटर्स के सचिव डॉ. कौलेश कुमार ने कहा, “राजगीर के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थलों के विकास के साथ ही इस क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएं कई गुना बढ़ गई हैं। भगवान बुद्ध और तीर्थंकर महावीर से जुड़े दुर्लभ अवशेष यहां देखने को मिलते हैं, जो इसे विश्व धरोहरों में एक विशेष स्थान दिला सकते हैं।”

      विरासत की ब्रांडिंग और पर्यटन सर्किट का विस्तारः राजस्थान के टूर ऑपरेटर संदीप लोहिया ने राजगीर की ब्रांडिंग की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि यहां की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाना चाहिए।

      उन्होंने कहा, “राजगीर और नालंदा जैसे ऐतिहासिक स्थलों को हेली सेवा और बेहतर रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने की जरूरत है, जिससे यहां अधिक पर्यटक आ सकें।” सरकार द्वारा इस क्षेत्र के विकास में किए गए निवेशों का भी प्रभाव साफ देखा जा रहा है।

      अभिजीत महापात्रा ने बताया, “राजगीर क्षेत्र में स्काई वॉक ग्लास ब्रिज, नेचर सफारी, जू सफारी और इको-टूरिज्म जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। यह क्षेत्र न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता भी पर्यटकों को अपनी ओर खींच रही है।”

      विरासत संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकताः संगोष्ठी के समापन पर टूर ऑपरेटरों ने एक विरासत पदयात्रा में भाग लिया। इस पदयात्रा का उद्देश्य पर्यटकों को राजगीर की समृद्ध धरोहरों और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना था।

      इस दौरान टूर ऑपरेटरों ने न केवल ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण की बात की, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

      वैश्विक मंच पर राजगीर की पहचानः राजगीर, नालंदा और पावापुरी के पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग और अनुभव-आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे हैं। इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जो न केवल भारतीय सभ्यता और संस्कृति को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने में मदद करेंगी, बल्कि यह क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में नए अवसर भी उत्पन्न करेगा।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      विश्व को मित्रता का संदेश देता वैशाली का यह विश्व शांति स्तूप राजगीर सोन भंडारः जहां छुपा है दुनिया का सबसे बड़ा खजाना यानि सोना का पहाड़ राजगीर वेणुवन की झुरमुट में मुस्कुराते भगवान बुद्ध राजगीर बिंबिसार जेल, जहां से रखी गई मगध पाटलिपुत्र की नींव