नालंदा दर्पण डेस्क। चंडी प्रखंड मुख्यालय अवस्थित मगध महाविद्यालय में प्रोफेसर निर्वाचन नामावली प्रारूप में धांधली का मामला सामने आया है। इस नामावली प्रारूप में जहां प्राचार्य का नाम जोड़ा गया है, वहीं एक प्रोफेसर को सूची से हटा दिया गया है।
इस सबंध में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के पास शिकायत की गई है। पूर्व के शिकायत के बाद महाविद्यालय में प्रोफेसर प्रतिनिधि चुनाव की अधिसूचना 09 अगस्त को निकाली गई थी।
1सितम्बर,21 को शासी निकाय के प्रोफेसर प्रतिनिधि के लिए चुनाव की तिथि तय थी, जिसे अब बढ़ाकर अब 24 सितम्बर कर दी गई है।
चुनाव को लेकर प्रोफेसर निर्वाचन नामावली प्रारूप में भी धांधली देखी जा रही है।नियम कानून को ताक पर रखकर प्रभारी प्राचार्य को नाम इसी सूची में शामिल है। यहां तक कि उन्हें सहायक निर्वाचन पदाधिकारी भी है।
मगध महाविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रो. विजय कुमार ने प्रोफेसर निर्वाचन नामावली प्रारूप पर आपत्ति प्रकट करते हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के महाविद्यालय निरीक्षक को पत्र लिखकर चुनाव को निरस्त करने और प्रभारी प्राचार्य को प्रोफेसर प्रतिनिधि चुनाव से अलग रखने की मांग की है।
उन्होंने महाविद्यालय निरीक्षक को लिखें पत्र में प्रोफेसर प्रतिनिधि के लिए चुनाव में सूची प्रकाशन में धांधली का आरोप लगाते हुए कहा है कि मगध महाविद्यालय में प्रोफेसर प्रतिनिधि का चुनाव होना तय है।
सूची का प्रकाशन भी हो चुका है। जिसमें निर्वाचन पदाधिकारी (प्रभारी प्राचार्य) का भी नाम अंकित है। जबकि प्रभारी प्राचार्य जी वी के पदेन सदस्य भी है।ऐसी स्थिति में निष्पक्ष चुनाव होना संभव नहीं है।
पूर्व में भी मगध एवं पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के महाविद्यालय निरीक्षक से शिकायत की जा चुकी है। जिसमें महाविद्यालय निरीक्षक ने फोन पर स्पष्ट निर्देश दिया कि चुनाव में प्रभारी प्राचार्य को मत देने का अधिकार नहीं है।
महाविद्यालय निरीक्षक ने स्पष्ट ज़बाब दिया कि अगर धांधली की शिकायत मिली तो चुनाव को असंवैधानिक माना जाएगा। इसके बाद 1 सितम्बर को होने वाले चुनाव को स्थगित कर दिया गया।
लेकिन महाविद्यालय निरीक्षक और नियमों की अनदेखी कर महाविद्यालय प्रशासन ने 31 अगस्त को फिर से शासी निकाय के सदस्य प्रोफेसर प्रतिनिधि सत्र 2021-22 के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई।
24 सितम्बर को चुनाव की तिथि निर्धारित की गई है। जिसमें 1 सितम्बर को प्रोफेसर निर्वाचन प्रारुप के प्रकाशन की तिथि थी। जिसमें प्रभारी प्राचार्य को फिर से सूची में जगह दी गई है।
जबकि कालेज के एक प्रोफेसर एस के प्रभाकर का नाम हटा दिया गया है। हालांकि इसके लिए 6 सितम्बर तक प्रारूप पर आपत्ति देने,नाम जोड़ने एवं संशोधन के लिए दावा किया जा सकता है।
भूगोल विभाग के प्रो. विजय कुमार ने कहा है कि वे प्रभारी प्राचार्य को प्रोफेसर प्रतिनिधि चुनाव से दूर रखने के लिए वह कोर्ट की शरण लेंगे। प्रभारी प्राचार्य के रहते निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव नहीं हो सकता है।
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