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जल्द शुरू होगा राजगीर को बौद्ध सर्किट से जोड़ने वाला फोर लेन टूरिज्म हाइवे

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के लिए एक महत्वपूर्ण विकास परियोजना ने गति पकड़ ली है। बहुप्रतीक्षित फोर लेन टूरिज्म हाइवे परियोजना, जो राजगीर को बौद्ध सर्किट से जोड़ेगी, अब शुरू होने की कगार पर है। इस परियोजना के तहत नूरसराय-अहियापुर-सिलाव होते हुए एनएच-82 सालेपुर से राजगीर तक फोर लेन हाइवे का निर्माण होगा। इस सड़क को 862.63 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जिससे नालंदा और राजगीर के विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

यह फोर लेन हाइवे बिहार के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजगीर को बौद्ध सर्किट से जोड़ने वाला एक वैकल्पिक मार्ग होगा। वर्तमान में पटना से राजगीर तक की यात्रा में समय और यातायात की समस्याएं आम हैं। इस नए मार्ग के बनने से यात्रियों को एक सुगम, तेज और सुरक्षित रास्ता मिलेगा। यह सड़क न केवल सिलाव और राजगीर के बीच की दूरी को कम करेगी, बल्कि एनएच-120 पर यातायात के दबाव को भी काफी हद तक कम करेगी।

इस परियोजना से नालंदा और राजगीर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बौद्ध सर्किट के हिस्से के रूप में राजगीर पहले से ही देश-विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। इस नए मार्ग के बनने से पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है, जिससे स्थानीय व्यापार, होटल व्यवसाय और छोटे उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी। इसके अलावा इस परियोजना से औद्योगिक, आर्थिक और सामाजिक विकास की संभावनाएं भी तेजी से बढ़ेंगी।

बीते दिन जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने इस हाइवे के प्रस्तावित मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया। नूरसराय से शुरू होकर अहियापुर, सिलाव और सालेपुर होते हुए राजगीर तक जाने वाले इस मार्ग की हर बारीकी का जायजा लिया गया।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता को स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजना का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए और गुणवत्ता के साथ किसी भी प्रकार का समझौता न हो। उन्होंने कहा कि यह सड़क नालंदा और राजगीर के विकास को नई गति और दिशा देगी। यह क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।

पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने निर्माण स्थल की सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियंत्रण को लेकर महत्वपूर्ण दिशानिर्देश दिए। उन्होंने जोर दिया कि निर्माण कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की रुकावट न हो और स्थानीय लोगों को न्यूनतम असुविधा हो।

इस परियोजना से स्थानीय नागरिकों में उत्साह का माहौल है। राजगीर और आसपास के क्षेत्रों के निवासियों का मानना है कि यह सड़क न केवल उनकी यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।

स्थानीय व्यापारी प्रवेश गुप्ता ने कहा कि इस सड़क के बनने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, जिससे हमारा व्यवसाय भी बढ़ेगा। वहीं एक अन्य निवासी श्याम सुंदर ने बताया कि पहले राजगीर तक पहुंचने में समय और ट्रैफिक की समस्या रहती थी। अब यह नया रास्ता हमें बहुत राहत देगा।

बहरहाल, बिहार सरकार की यह परियोजना ‘स्मार्ट कनेक्टिविटी के साथ पर्यटन संवर्धन’ की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह हाइवे न केवल राजगीर को बौद्ध सर्किट से बेहतर तरीके से जोड़ेगा, बल्कि नालंदा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को भी और अधिक उजागर करेगा। यह परियोजना बिहार के पर्यटन मानचित्र पर राजगीर को और मजबूती प्रदान करेगी।

इस फोर लेन हाइवे के निर्माण से नालंदा और राजगीर में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। पर्यटन के साथ यह मार्ग क्षेत्र में नए उद्योगों और निवेश को आकर्षित कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना क्षेत्रीय विकास के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगी।

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