नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। पर्याप्त निजी जमीन है तो आप भी पर्यावरण को संतुलित रखने में अपना योगदान दे सकते हैं। सरकार पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को देखते हुए वन एवं हरित आच्छादन को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है।
इससे दोहरा फायदा होगा और पर्यावरण संरक्षण के साथ पेड़ से मिलने वाले फल भी बेच सकेंगे। मनरेगा योजना द्वारा सार्वजनिक के साथ निजी जमीन पर भी इस साल व्यापक पौधरोपण किया जाएगा। निजी जमीन पर पौधे लगानेवाले जमीन मालिकों को विभाग द्वारा पूरी सुविधा भी दी जाएगी।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण विकास विभाग ने नगरनौसा प्रखण्ड के सभी नौ पंचायतो के लिए 90 यूनिट पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया हैं।
शुक्रवार के दिन नगरनौसा प्रखंड के रामपुर पंचायत अंतर्गत बोधि बिगहा गांव में किसान सतीश कुमार के निजी जमीन पर पौधरोपण करा प्रखंड में पौधरोपण कार्य का शुभारंभ कराया गया।पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारंभ पीओ(मनरेगा) सैयद आमिर हुसैन ने पौधा लगा किया।
पौधरोपण करते हुए पीओ (मनरेगा) सैयद आमिर हुसैन ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़, पौधे, जल को बचाने का संकल्प लें। इससे पर्यावरण के साथ मानव जीवन सुरक्षित हो सकेगा। वृक्ष मानवता की रक्षा के लिए बहुत जरूरी हैं। वृक्ष लगाकर हम अपने पर्यावरण व परिवेश को स्वच्छ व सुन्दर बना सकते हैं। प्रकृति के प्रति सकारात्मक रवैये को लेकर सभी को ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए। जंगलों को नया जीवन देकर पेड़-पौधे लगाकर, बारिश के पानी को संरक्षित करके और तालाबों के निर्माण करने से हम पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से रिस्टोर कर सकते हैं। सभी अपने आसपास अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं। जिससे कि पर्यावरण का संरक्षण हो सके।थोड़ा समय प्रकृति के लिये जरूर निकालें।
निजी जमीन पर लगाएं पौधे,योजना का मिलेग पूरा लाभः पीओ सैयद आमिर हुसैन ने कहा कि किसान अपनी निजी भूमि पर पौधरोपण करा सकते हैं। इसके लिए मनरेगा योजना द्वारा किसानों को मुफ्त पौधा दिया जाएगा। किसान अपनी इच्छा अनुसार पौधे लगा सकते हैं।
पौधों की रक्षा के लिए विभाग गैबियन तथा उर्वरक भी देगा। वहीं, पौधों की सिचाई के लिए एक यूनिट पर एक चापाकल भी लगाया जाएगा। निजी जमीन पर पौधे लगाने वालों को फायदा यह होगा कि पौधों की सुरक्षा के लिए एक व्यक्ति रखा जाएगा और उस व्यक्ति को विभाग द्वारा माह का 1680 रुपये पारिश्रमिक के तौर पर 5 साल तक दिए जाएंगे। वृक्षारोपण हेतु लक्ष्य निर्धारित के बाद विभिन्न पंचायतों में पौधारोपण कार्य शुरू कर दिया गया।
पर्यावरण के नजदीक तो बीमारी होगी दूरः प्रखण्ड कार्यक्रम पदाधिकारी सैयद आमिर हुसैन ने बताया कि प्रकृति एवं पर्यावरण के जितने अधिक सानिध्य में हम सभी रहते हैं। विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने की उतनी अधिक क्षमता हमारे पास होती है। जब भी हमें प्रकृति के विपरीत आचरण किया और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया उसका दुष्परिणाम पूरे जीवन सृष्टि को भुगतना पड़ा। प्रकृति और पर्यावरण के समन्वय के महत्व का अनुमान हम बीते कुछ बर्षों में लगा चुके हैं पूरी दुनिया विगत तीन वर्ष से कोरोना महामारी से जूझ रही थी । क्योंकि मनुष्य इस जीव सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी माना जाता है। वही सर्वाधिक इसकी चपेट में भी आया है।
निजी जमीन पर पौधरोपण के लिए प्रोत्साहित कर रहा है विभागः पीओ सैयद आमिर हुसैन ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर सरकार वन और हरित आवरण बढ़ाने की लिए लगातार पौधा लगाने को लेकर अभियान चला रही हैं। मनरेगा द्वारा भी लगातार सार्वजनिक स्थान के साथ-साथ निजी भूमि पर पौधे लगाने का कार्य कर रहा है।निजी भूमि में पौधा लगाने को लेकर विभाग द्वारा लोगों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। लोगों को निजी भूमि में पौधा लगाने को लेकर प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी से लेकर तकनीकी सहायक,रोजगार सेवक,स्थानीय जनप्रतिनिधी भी लगे हुए हैं।जिनका एक मात्र उद्देश्य क्षेत्र में हरित आवरण बढ़ाना है।उन्होंने कहा कि निजी भूमि पर काष्ठ और फलदार दोनों पौधे लगाए जा सकते हैं। निजी भूमि पर लगाए जाने वाले पौधों से प्राप्त लकड़ी और फल का हक भूमि मालिक का ही होगा।
गैबियन व उर्वरक की मिलेगी सुविधाः मनरेगा योजना के तहत निजी जमीन में लगाए गए पौधों की रक्षा के लिए विभाग द्वारा गैबियन व उर्वरक की सुविधा दी जाती है। दो सौ पौधा लगाने वाले किसान को गैबियन हेतु 80 हजार एवं छह हजार उर्वरक के लिए भुगतान किया जाता है।
पांच वर्षों तक होगा पारिश्रमिक का भुगतानः निजी जमीन पर पौधों लगाने वालों को फायदा यह होगा कि पौधों की सुरक्षा के लिए एक व्यक्ति रखा जाएगा। पौधों की देखभाल हेतु वनपोषकों की मजदूरी भुगतान का प्रावधान है। लाभुक/लाभुकों को निजी भूमि पर लगाये गये एक इकाई पौधों की देख-रेख हेतु वृक्षारोपण वर्ष से अगले पाँच वर्ष तक प्रतिमाह 8 मानव दिवस की मजदूरी मनरेगा योजना से दिया जाता है।जो सलाना 20 हजार 160 रुपया हो रहा है । वही इस योजना से किसान खुश है साथ ही पर्यावरण को एक मजबूत आयाम मिल रहा है।निजी भूमि पर लगाये जाने वाले पौधों से प्राप्त लकड़ी एवं फल पर भूमि मालिक का ही हक होगा।
मौके पर पीओ सैयद आमिर हुसैन,कनीय अभियंता राजीब रंजन,तकनीकी सहायक दिनेश कुमार, पंचायत रोजगार सेवक राजेश कुमार चौधरी,प्रखंड भाजपा अध्यक्ष सतीश कुमार, रंजीत कुमार,मनीष कुमार आदि उपस्थित थे।
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