बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। गणेश चतुर्थी के अवसर पर बिहार शरीफ के कई इलाकों में भगवान गणपति की एक से बढ़कर एक भाव भंगिमाओं में प्रतिमाएं बिठाई गई है।
गणपति पूजन का बिहारशरीफ में काफी पुराना इतिहास रहा है। कहा जाता है कि महाराष्ट्र में 1925 में गणपति की पूजा शुरू हुई है, जबकि बिहार शरीफ के चौक बाजार में 1899 में गणपति की प्रतिमा बैठाई गई। जिन्हें बुढ़वा गणेश जी के नाम से जाना जाता है।
इस प्रतिमा की स्थापना बाबू नोखू राम के द्वारा 1899 करवाई गई थी। इसके अलावा कई और गणपति की प्रतिमा शहर में मौजूद हैं, जिनका काफी पुराना इतिहास रहा है।
कहा जाता है कि बाबू नोखू राम ने न केवल गणपति की प्रतिमा बैठाई, बल्कि दान स्वरूप उन्होंने शहर की कई दुकानें भी गणपति के नाम से रजिस्ट्री भी कर दिया। जिनमें चौक बाजार और पुल पर की दुकानें शामिल है।
जिनकी कीमत आज के दौर में एक करोड़ रुपए से अधिक है। मान्यता है कि बुढ़वा गणेश जी की पूजा अर्चना करने से मनोवांक्षित फल की प्राप्ति होती है।
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