राजगीर (नालंदा दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगर राजगीर के जंगल में फिर भयानक आग लगने से दुर्लभ जड़ी बूटियों समेत कई पेड़ पौधें झुलसकर बर्बाद हो गए। वन्य जीवों के जानमाल की क्षति की सूचना नहीं है। कर्मियों व अग्निशमन दल के सहयोग से करीब सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया गया।
इस अग्निकांड में वन विभाग का फॉरेस्ट गार्ड रजनीकांत बुरी तरह झुलस गया। आग को बुझाने में अग्निशमन विभाग के छह दमकल, वन विभाग के एक दमकल के अलावे वन विभाग और नगर परिषद के दर्जनों टैंकर को शामिल किया गया था। घटना स्थल पर वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी आग पर काबू पाने तक तैनात रहे।
वन क्षेत्र पदाधिकारी की मानें तो जंगल में आग आयुध निर्माणी की गलती से लगी है। आयुध निर्माणी कैंपस में खरपतवार को जलाने के लिए आग लगाई गई थी। उसकी सूचना पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को नहीं दी गई थी। आयुध निर्माणी कैंपस के आग की चिंगारी से जंगल में आग लगने की बात सामने आई है।
उन्होंने बताया कि आग लगने की सूचना उन्हें करीब 10:00 बजे सुबह मिली। सूचना मिलते ही विभागीय दमकल के साथ 50 से अधिक वनकर्मी आग पर काबू पाने में जुट गये। जिसमें फॉरेस्ट गार्ड रजनीकांत बुरी तरह झुलस गया।
उन्होंने बताया कि आग पर काबू पाने में अग्निशमन विभाग के छह दमकल गाड़ियों और करीब 30 कर्मियों को आग पर काबू पाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इस अग्निकांड में वन विभाग को हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
इस अग्निकांड में जंगल में लगाये गये नए पेड़ पौधे बुरी तरह तबाह हुआ है। लाखों-करोड़ों की दुर्लभ जड़ीबूटियां जलकर खाक हो गयी है। फिलहाल जंगल की आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है। बावजूद जिस क्षेत्र में आग लगी है, उस क्षेत्र की निगरानी वनकर्मियों द्वारा किया जा रहा है।
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