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नालंदा DM ने राजगीर इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण स्थल का निरीक्षण किया

नालंदा दर्पण डेस्क। नालंदा जिलाधिकारी (डीएम) शशांक शुभंकर द्वारा सोमवार को हवाई अड्डा निर्माण को लेकर राजगीर प्रखंड के मेयार, बरनौसा अंडवस, एकसारी और सिलाव प्रखण्ड के नालंदा रेलवे स्टेशन से पूरव स्थल निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उनके द्वारा राजस्व पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया है।

बता दें कि राजगीर में हवाई अड्डा बनाने की कवायद दशकों बाद फिर शुरू की गई है। कैबिनेट द्वारा प्रस्ताव पारित होने के बाद नालंदा जिला प्रशासन स्थल चयन करने के लिए सक्रिय है। दशकों पहले राजगीर के महादेवपुर एवं नालंदा विश्वविद्यालय के समीप और नालंदा रेलवे स्टेशन के पूरव स्थल चयन की प्रक्रिया आरंभ की गयी थी, लेकिन कतिपय कारणों से सफलता नहीं मिल सकी थी।

कैबिनेट से राजगीर में हवाई अड्डा निर्माण की मुहर लगने के बाद जिला प्रशासन द्वारा महादेवपुर और नालंदा विश्वविद्यालय के समीप पहले से चिन्हित स्थल की पैमाईश करायी गयी लेकिन जरूरत से कम लम्बाई होने के कारण दूसरे स्थल का चयन किया जा रहा है।

पहले से प्रस्तावित हेलीपैड बनाने की कवायद जिला प्रशासन द्वारा शुरू किया गया था। उस जमीन और आसपास की जमीन की पैमाईश भी राजगीर अंचल द्वारा कराया गया था। लेकिन उक्त स्थल की अपेक्षित लम्बाई नहीं होने के कारण दूसरे जगह की तलाश की जा रही है।

राजस्व पदाधिकारी के अनुसार हवाई अड्डा निर्माण के लिए 11 हजार फीट लम्बाई वाले जमीन की आवश्यकता है। लेकिन महादेवपुर और नालंदा विश्वविद्यालय के समीप के जमीन की लम्बाई मात्र 7,500 फीट है, जो हवाई अड्डा के लिए पर्याप्त नहीं है।

उनका कहना है कि प्रखंड के मेयार, बढ़ौना मौजा के अलावे बरनौसा, एकसारी और लोदीपुर मौज में स्थल का निरीक्षण डीएम द्वारा किया गया है। इसके अलावे सिलाव प्रखण्ड एवं नालंदा थाना क्षेत्र अंतर्गत नालंदा रेलवे स्टेशन से पूर्वी भाग का भी जिला पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारी के द्वारा स्थल का निरीक्षण किया गया है।

उन्होंने बताया कि मेयार और बढ़ौना मौजा में 550 एकड़ जमीन का चयन किया गया है। यह प्रश्नगत भूमि 3.33 किलोमीटर लंबा और 709 मीटर चौड़ा है। इस प्रस्तावित हवाई अड्डा के अनुकूल इसकी लंबाई 11000 फीट एवं चौड़ाई 2000 फीट है।

ज्ञात हो कि नालंदा रेलवे स्टेशन के पूरब इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण के लिए स्थल का चयन दशकों पूर्व किया गया था। उसकी पैमाईश भी करायी गयी थी, लेकिन मुआवजा विवाद के कारण बात नहीं बन सकी थी।

उस प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थल का निरीक्षण नगर विमानन मंत्रालय के सक्षम पदाधिकारियों और वायुसेना के पदाधिकारियों द्वारा भी किया गया था। पदाधिकारियों द्वारा उसे अनुकूल बताया गया था।

हवाई अड्डा निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल के निरीक्षण में डीएम शशांक शुभंकर के अलावे एडीएम मंजीत कुमार, एसडीओ कुमार ओमकेश्वर, भूमि सुधार उपसमाहर्ता उपेंद्र सिंह, सीओ राजगीर, सिलाव एवं अन्य पदाधिकारी शामिल थे।

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