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पूरा नहीं हुआ गांव सचिवालय का सपना, सफेद हाथ बने पंचायत सरकार भवन

नालंदा जिला के किसी पंचायत सरकार भवनों में अब तक पूरी तरह गांवों के सचिवालय का सपना पूरा होते नहीं देखने को मिल रहा है। पंचायत के सारे काम कराने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों और सरकारी कर्मियों को एक ही स्थान पर जुटाने के उद्देश्य से पंचायत सरकार भवन की परिकल्पना की गई थी, जो अभी तक सफल होती नहीं दिख रही है।

पंचायत सरकार भवन में सरकारी कर्मियों को नियोजन के साथ उनके रोस्टर भी बनाये गये हैं, लेकिन न्याय मित्र समेत सभी पंचायत स्तरीय पंचायत सरकार भवन में समय सीमा कर्मियों को आये दिन प्रखंड, किया गया है। पंचायत सरकार भवन में गांवों के सचिवालय सिस्टम लागू करने में कई समस्याएं हैं।

सबसे बड़ी समस्या है कि पंचायत सरकार भवन में सरकारी कर्मियों के रोस्टर बना दिये गये है और उनके निगरानी के लिए बायोमैट्रिक अटेंड्स भी बनाया जाता है, लेकिन पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों की बैठने की समय सीमा तय नहीं की गई है। पंचायत स्तर पर छोटी-मोटी न्यायिक मामलों के निष्पादन के लिए पंच, सरपंच और न्याय मित्र की व्यवस्था की गई है, जिनके बैठने के लिए अधिकांश रोस्टर नहीं होता है।

ग्रामीणों के अनुमंडल व जिला स्तरीय प्रखंड अनुसार गांवों के सचिवाल का सपना पूरा करने में दूसरी सबसे बड़ी समस्या हैं कि पंचायत सरकार भवन में कर्मियों को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। उन्हें कार्य निष्पादन की शक्तियां नहीं दी गई है।

वृद्धा पेंशन, राशन कार्ड, जाति, आय, निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे कार्य पंचायत स्तरीय कर्मियों के माध्यम से नहीं किये जाते हैं। सिर्फ आवेदन की प्रक्रिया ही पंचायत सरकार भवन में पदस्थापित कर्मी पूरा करते हैं। साथ ही अधिकांश पंचायत सरकार भवन में कार्यरत विभागों में प्रतियुक्ति कर दी जाती हैं।

बताया जाता है कि लगभग तीन साल पहले पंचायत सरकार भवन के लिए कार्यपालक सहायक नियुक्त किया गया था, लेकिन अब तक कभी बीडीओ, तो कभी अनुमंडल पदाधिकारी तो कभी जिला पदाधिकारी के आदेश पर अलग-अलग विभाग में उन्हें प्रतिनियुक्त कर दिया जाता हैं।

यही नहीं, चुनाव के दो माह पूर्व से मतदान सूची के लिए अलग-अलग अब भी 70 प्रतिशत पंचायतों में नहीं बन सका है पंचायत सरकार भवन जिले में अभी भी 70 प्रतिशत पंचायतों में पंचायत सरकार भवन की अपनी बिल्डिंग तक नहीं है। सिर्फ 30 प्रतिशत यानि 71 पंचायत में पंचायत सरकार भवन है।

यहीं कारण हैं कि अधिकांश ग्रामीणों को आरटीपीएस के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। जिले में कुल प्रखंडों में उनकी प्रतियुक्ति कर दी गई थी। इसके बाद राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराने के लिए उन्हें प्रतियुक्त कर दिया गया। कुछ दिन से 230 पंचायत हैं। इसमें 71 पंचायत सरकार भवन हैं। 22 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन निर्माणाधीन हैं।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में 87 पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए जगह चयनित की गई है। शेष 50 पंचायतों में अगले फेज में पंचायत सरकार भवन बनाने की योजना है। जिला मुख्यालय के एक विभाग में पुनः प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। कमोबेश यहीं स्थिति सभी पंचायत सरकार भवन में प्रतियुक्त कर्मियों की है।

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