नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 में मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा गया। इस योजना से लाभान्वित 23 अभ्यर्थियों ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की, जिसमें से दो अभ्यर्थी टॉप-10 में शामिल हैं। यह योजना राज्य सरकार की ओर से ऐसे उम्मीदवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है, जो अत्यंत पिछड़े वर्ग से आते हैं और सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना की भूमिकाः इस योजना के तहत सभी सफल उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए पचास-पचास हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई थी। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन मेधावी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने और सफलता हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करना था। इस योजना से प्रेरित होकर 23 अभ्यर्थियों ने बीपीएससी की कठिन परीक्षा में सफलता पाई।
टॉप-10 में स्थान बनाने वाले क्रांति और नीरजः 69वीं बीपीएससी परीक्षा के टॉप-10 में शामिल क्रांति कुमारी और नीरज कुमार भी इस योजना से लाभान्वित थे। दोनों ही अभ्यर्थियों ने अपनी कड़ी मेहनत और राज्य सरकार की सहायता से परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया। क्रांति कुमारी, जिन्होंने छठी रैंक प्राप्त की है, उन्होंने कहा, “इस योजना ने मेरी तैयारी में बड़ा योगदान दिया। आर्थिक मदद के कारण मैं बिना किसी चिंता के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकी।” वहीं, 10वीं रैंक के नीरज कुमार ने भी इस योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रोत्साहन ने उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
विभिन्न पदों पर चयनित अभ्यर्थीः विभागीय सचिव के अनुसार इस योजना से सफल होने वाले 23 अभ्यर्थियों में से 14 का चयन राजस्व सेवा के लिए हुआ है। जबकि 3 श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, 2 जिला नियोजन पदाधिकारी, 1 पुलिस उपाधीक्षक, 1 निर्वाचन पदाधिकारी, 1 आपूर्ति निरीक्षक और 1 प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी के पद पर चयनित हुए हैं। यह परिणाम न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि को दर्शाता है बल्कि अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए सरकारी सहायता की प्रासंगिकता को भी उजागर करता है।
महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ते कदमः इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा प्रदान की जाने वाली सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि का भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिला। इस योजना के तहत 14 महिला अभ्यर्थियों ने परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। यह योजना महिलाओं को सिविल सेवा में अधिक भागीदारी के लिए प्रेरित कर रही है, जिससे राज्य में महिला सशक्तिकरण के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं।
सरकार की पहल से बढ़ी उम्मीदः बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे इन प्रोत्साहन योजनाओं ने यह साबित किया है कि सही मार्गदर्शन और आर्थिक सहायता से पिछड़े और कमजोर वर्ग के छात्र भी उच्चतम परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इन योजनाओं ने न केवल इन अभ्यर्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और बेहतर तैयारी का अवसर भी दिया।
बहरहाल, इस वर्ष का परिणाम यह संदेश देता है कि सही संसाधन और अवसर मिलने पर हर वर्ग के छात्र बड़े सपनों को साकार कर सकते हैं।
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