पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बिहार विधानसभा में यह स्पष्ट कर दिया है कि विशिष्ट शिक्षक बनने की राह पर अग्रसर नियोजित शिक्षकों को अपनी पूर्व की सेवाओं का कोई निरंतरता लाभ नहीं मिलेगा। इससे 73,000 सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पर भी असर पड़ा है, जो नियोजित शिक्षक हैं और विशिष्ट शिक्षक बनने की प्रतीक्षा में हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक सफल शिक्षक अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन (डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन) पूरा नहीं हो जाता, तब तक किसी को विशिष्ट शिक्षक का नियुक्ति पत्र नहीं मिलेगा।
शिक्षा मंत्री ने यह साफ कर दिया कि इन सफल शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक बनने का अवसर नहीं मिलेगा, जब तक कि उनके दस्तावेज सत्यापित नहीं हो जाते।
सेवा निरंतरता का लाभ नहीं: शिक्षा मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि जिन शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक का नियुक्ति पत्र मिलेगा, उन्हें पूर्व में दी गई सेवाओं का कोई निरंतरता लाभ नहीं मिलेगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये शिक्षक पहली बार सरकारी कर्मचारी के रूप में नियुक्त होंगे और उनके ऊपर सामान्य सरकारी सेवा के सभी नियम लागू होंगे। इसके अलावा इन शिक्षकों के लिए प्रोबेशन पीरियड भी निर्धारित किया जाएगा, जिसमें उनकी सेवाओं की जांच की जाएगी।
शिक्षा विभाग के इस निर्णय से साफ हो गया है कि सरकार सेवा शर्तों में किसी प्रकार की रियायत नहीं देने जा रही है और नियोजित शिक्षकों को नए सिरे से सरकारी कर्मचारी के रूप में अपनी सेवाएं देनी होंगी।
हालांकि, शिक्षा मंत्री की यह घोषणा उन हजारों नियोजित शिक्षकों के लिए झटका साबित हो सकती है, जो विशिष्ट शिक्षक बनने की उम्मीद कर रहे थे और अपनी पूर्व की सेवाओं का निरंतरता लाभ चाहते थे। शिक्षा विभाग का यह निर्णय वैसे शिक्षकों के भविष्य को किस प्रकार प्रभावित करेगा, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट है कि सरकार अपनी शर्तों पर अडिग है।
- नालंदा आयुध निर्माणी में राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप का आयोजन
- नालंदा में दिनदहाड़े लूटपाट और गोलीबारी: सोना व्यापारी घायल, क्षेत्र में दहशत
- शराब के नशे में धुत होकर हेडमास्टर-टीचर पहुंचे स्कूल, ग्रामीणों ने टांगकर पहुंचाया थाना
- भारत ने जापान को 2-0 से हराया, 20 नवंबर को चीन से होगा फाइनल मुकाबला
- जानें क्या है न्यू टीचर ट्रांसफर पॉलिसी, पटना हाई कोर्ट ने क्यों लगाई रोक