एक सरकारी स्कूल के फरार 8वीं वर्ग की 5 छात्राओं को लेकर सामने आई सनसनीखेज कहानी

A sensational story has come to light about 5 absconding students of class 8 from a government school

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। दीपनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत एक सरकारी स्कूल से फरार आठवीं क्लास की पांच में से तीन छात्राओं को पुलिस ने पटना के कुर्जी से बरामद किया है। वहीं अन्य दो छात्रा को बिहार बंगाल के बॉर्डर से बरामद किया गया है। हालांकि पुलिस पांचों छात्राओं के फरार होने के असल मकसद का पता नहीं लगा सकी है।

खबरों के अनुसार पुलिस ने पहले जिन तीन छात्राओं को बरामद की है, उनके साथ दो अन्य लड़कों को भी हिरासत में ली है। परिवार के लोग अभी कुछ बोलने से परहेज कर रहे है। मगर यह जरूर बता रहे है कि जो छात्राएं भागी थी, उन लोगों ने पहले ऐसी कोई हरकत नहीं की है। ताकि उनपर किसी तरह का शक किया जाय।

छात्राओं के अभिभावक यह भी बता रहे है कि सभी छात्राएं मोबाइल भी इस्तेमाल नहीं करती है। इधर पुलिस की मानें तो गायब छात्राओं से पूछताछ में पता चला है कि ट्रेन पकड़कर तीन छात्राएं पटना गई थी। एक व्यक्ति ने उनलोंगों को ले जाकर अपने दोस्त के घर पर रखा था। पुलिस ने ले जाने और रखने वाले दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

पुलिस भी कहती है कि परिजनों द्वारा डांट-फटकार के बाद बच्चियां घर से भागी थी। दूसरी घटना में गायब बच्चियों को बिहार बंगाल के बॉर्डर से बरामद किया गया है। पुलिस के अनुसार ये जो दो छात्रा के भागने की बात है तो उसका पहले की घटना से कोई ताल्लुकात नहीं है।

बता दें कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पढ़ने वाली कई छात्राओं के हाथों पर ब्लेड से काटकर लिखे गये अंग्रेजी के अक्षर मिलने का मामला सामने आया था। इसके बाद उनके अभिभावकों को स्कूल बुलाया गया था। स्कूल में छुट्टी होने के बाद तीन छात्रा घर जाने की बजाय कहीं और चली गयी।

सीसीटीवी फुटेज में उन्हें स्कूल से तीन किलोमीटर दूर देखा गया था। इसके बाद पूजा करने के बहाने निकली दो छात्रा भी घर नहीं लौटी। इस मामले में दो अलग-अलग प्राथमिकी करायी गयी। पुलिस ने ई रिक्शा से तीन छात्राओं को दूर पहुंचााने वाले एक आरोपित को हिरासत में लिया था।

बकौल एसपी अशोक मिश्रा, विगत 27 जुलाई को दीपनगर थाना अंतर्गत एक मिडिल स्कूल में पढ़ने वाली तीन बच्चियां स्कूल से गायब हो गयी थीं। जब ये तीनों छात्राएं घर वापस नहीं आयी तो उनके परिजनों ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। ठीक इसके एक दिन बाद 28 जुलाई को दो छात्राएं इसी स्कूल से छुट्टी के बाद गायब हो गयी। जिसकी भी प्राथमिकी दर्ज हुई थी।

इस तरह पांच छात्राओं के गायब होने से सनसनी फैल गयी और इन छात्राओं के घरों में कोहराम मच गया। फौरन नालंदा पुलिस हरकत में आयी और तीन छात्रा को पटना और दो छात्रा को बिहार-बंगाल बॉर्डर से बरामद किया गया है।

एसपी के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि तीनों छात्राएं बिहारशरीफ से 9:30 बजे अपराह्न में ट्रेन पकड़कर पटना चली गयी थी। ट्रेन से ही एक व्यक्ति ने उन्हें अपने साथ पटना अपने दोस्त के घर ले जाकर रखा था, जहां से उन्हें बरामद किया गया है। ट्रेन से ले जाने वाले व्यक्ति एवं घर में रखने वाले व्यक्ति दोनों को पुलिस द्वारा पकड़ कर पूछताछ की जा रही है।

बरामद बच्चियों से पूछ-ताछ कर अन्य विधि-सम्मत अनुसंधान की कार्यवाही की जा रही है। उक्त तीनों बच्चियां दीपनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत एक ही सरकारी स्कूल की आठवीं की छात्राएं है तथा उसी स्कूल के कुछ लड़कों के साथ संपर्क में थीं। वहीं, दो बच्चियों को बिहार-बंगाल की सीमा से बरामद किया गया है।

प्रारंभिक अनुसंधान में यह बात प्रकाश में आयी है कि पटना से बरामद तीन लड़कियों में से दो ने अपने हाथ पर ब्लेड से कुछ अल्फाबेट चिह्न बनाया था। इसकी जानकारी स्कूल के शिक्षको को हुई तो उन्होंने इसकी जानकारी उनके अभिभावकों को भी दी। अभिभावकों द्वारा डांट-फटकार किया गया था। इसी कारण से ये बच्चियां स्कूल से सीधे घर ना जाकर भागने की बात बतायी है।

फिलहाल पुलिस जिन दोस्तों से छात्राएं लगातार घटना के दिन या आस पास संपर्क में थी, उनसे तथा जो व्यक्ति ट्रेन से उन्हें अपने साथ ले जाकर अपने दोस्त के साथ रखाया, उनसे भी गहनता से पूछ-ताछ की जा रही है।

दूसरी घटना दो बच्चियां घर से पूजा करने की बात कहकर निकली थी और देर रात तक नहीं लौटी थी। उक्त मामले के अनुसंधान के क्रम में तकनीकी एवं मानवीय आसूचना के आधार पर उक्त दोनों छात्राओं को बिहार-बंगाल सीमा से बरामद किया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में उनके द्वारा भी घर में डांटे जाने के कारण भागने की बात बतायी गयी है। सभी पहलुओं पर जांच जारी है।

एसपी के अनुसार उपर्युक्त दोनों घटना अलग-अलग हैं तथा अभी तक के अनुसंधान में दोनों में कोई कनेक्शन नहीं पाया गया है। दोनों कांडों में आगे की कार्रवाई की जा रही है। अभी तक के अनुसंधान में बाल तस्करी या मानव तस्करी की बात नहीं आयी है।

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