बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला शिक्षा विभाग से जुड़ा एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है। नियोजन ईकाई से एक शिक्षक के दूसरे जिले में विरमित होने बाबजूद उसे 4 माह तक वेतनादि का भुगतान नालंदा जिला से किया जा रहा है।
इस संबंध में नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने स्थापना शाखा के लिपिक को लिखा है कि श्री चुन्नू कुमार, नगर शिक्षक, मध्य विद्यालय सलेमपुर बिहारशरीफ द्वारा अधोहस्ताक्षरी को सूचित किया गया है कि उनकी नियुक्ति टीआरई-1 के तहत वैशाली जिला में हो जाने के बाद भी उनका वेतनादि का भुगतान नालंदा जिला से किया जा रहा है।
डीईओ ने आगे लिखा है कि श्री कुमार का टीआरई-1 के तहत चयन होने के उपरांत दिनांक 17.11.2023 को नियोजन इकाई से विरमित होने के उपरांत इनका वेतन का भुगतान नियमानुसार दिनांक 16.11.2023 तक ही किया जाना था, परन्तु इनका वेतन का भुगतान मार्च 2024 तक किया गया है, जो वित्तीय अनियमितता का द्योतक है।
डीईओ ने स्थापना शाखा के लिपिक को यह स्पष्ट करने को कहा है कि किस परिस्थिति में श्री चुन्नु कुमार का वेतनादि का भुगतान नियमित रूप से मार्च 2024 तक किया गया है। साथ ही इस प्रकार का यदि कोई और मामला आपके संज्ञान में है तो उक्त संबंध में भी लिखित रूप से प्रतिवेदन पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अन्दर अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
वहीं डीईओ ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि प्रखंड में भी यदि इस तरह के मामलें हैं तो उसकी जॉच कर इसकी सूचना अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को 24 घंटे के अन्दर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, ताकि माह अप्रैल 2024 का वेतन भुगतान में इसकी पुनरावृति नहीं हो।
यदि माह मार्च 2024 के बाद यदि टीआरई-1 एवं टीआरई-2 के तहत नियुक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान पूर्व की भाँति होता है तो इसकी सारी जबावदेही उनकी होगी। अप्रैल 2024 का वेतन भुगतान जांचोपरांत ही करना सुनिश्चित करेंगे।
पइन उड़ाही में इस्लामपुर का नंबर वन पंचायत बना वेशवक
अब केके पाठक ने लिया सीधे चुनाव आयोग से पंगा
अब सरकारी स्कूलों के कक्षा नौवीं में आसान हुआ नामांकन
गर्मी की छुट्टी में शिक्षकों के साथ बच्चों को भी मिलेगा कड़ा टास्क