Home खेती-बारी पशु बांझपन निवारण शिविरः प्रजनन के 60-90 दिन में कराएं गर्भाधान

पशु बांझपन निवारण शिविरः प्रजनन के 60-90 दिन में कराएं गर्भाधान

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Animal infertility prevention camp: Get the animal pregnant within 60-90 days of breeding
Animal infertility prevention camp: Get the animal pregnant within 60-90 days of breeding

इस तरह के शिविरों के माध्यम से जागरूकता फैलाकर और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके पशुओं में बांझपन की समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। जिला पशुपालन विभाग का यह प्रयास पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में सराहनीय है

नालंदा दर्पण डेस्क। पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। लेकिन पशुओं में बढ़ती बांझपन की समस्या इस व्यवसाय की रफ्तार को धीमा कर रही है। छोटे-बड़े स्तर पर डेयरी उद्योग की सफलता पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार देश भर में लगभग 30% पशु इस समस्या से प्रभावित हैं। जिसके कारण पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

पशु चिकित्सकों का कहना है कि समय पर गर्भाधान न कराना और बच्चेदानी में संक्रमण पशुओं के बांझपन के मुख्य कारण हैं। गर्मी के संकेत मिलने के बावजूद गर्भाधान में देरी करना या अकुशल कर्मियों द्वारा कृत्रिम गर्भाधान कराना इस समस्या को और बढ़ा देता है।

नालंदा जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. रमेश कुमार के अनुसार व्यावसायिक रूप से सफल पशुपालन के लिए यह आवश्यक है कि गाय बच्चे देने के 60-90 दिनों के भीतर गर्भधारण कर ले। पशु के गर्म होने के 12-18 घंटे के भीतर गर्भाधान कराना अत्यंत जरूरी है। लेकिन अधिकतर पशुपालक इस अवधि को अनदेखा कर देते हैं। जिससे गर्भधारण की संभावना घट जाती है।

इसीलिए पशुपालन विभाग ने इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए जिले भर में पशु बांझपन निवारण शिविरों का आयोजन शुरू किया है। इन शिविरों में पशुपालकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और प्रभावित पशुओं का इलाज किया जा रहा है। जनवरी महीने में भी कई गांवों में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।

डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि शिविरों में पशुओं को आवश्यक दवाइयां, विटामिन, खनिज लवण और कृत्रिम गर्भाधान सेवाएं दी जा रही हैं। प्रत्येक शिविर में तीन पशु चिकित्सक और दो सहायक कर्मियों की टीम मौजूद रहती है। मोबाइल वेटरनरी यूनिट भी इस अभियान में अपना योगदान दे रही है।

पशुओं के बांझपन से बचाव के लिए विशेषज्ञों ने कई सुझाव दिए हैं। गर्मी के संकेत मिलने पर 12-18 घंटे के भीतर गर्भाधान कराएं। गर्भधारण के दौरान संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता सुनिश्चित करें। खनिज लवण और विटामिन की कमी को दूर करने के लिए संतुलित आहार दें। कृत्रिम गर्भाधान केवल प्रशिक्षित व्यक्तियों से कराएं।

पशुओं में बांझपन के प्रमुख कारणों में बच्चेदानी का संक्रमण, आंतरिक बाह्य कृमि, खनिज लवण की कमी और जन्म के समय संक्रमण शामिल हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए नियमित जांच और पोषण पर ध्यान देना आवश्यक है।

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