दूध से बनने वाली मिठाईयों की जगह पावडर से मिठाईयां तैयार कर बाजारों में बेची जा रही है। साथ हीं इन्हें आकर्षित करने के लिए केमिकल का प्रयोग किया जा रहा है। जो स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है।
बेन के बाजारों में भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक व मिलावटी मिठाइयां हर दो से तीन दिनों पर कारोबारी धड़ल्ले से पहुंचा रहे हैं। जिसमें छेना, रसगुल्ला, सोनपापड़ी व अन्य मिठाईयां शामिल है। जिम्मेदार विभाग द्वारा कोई कारवाई न होने के कारण मिलावटखोरों का कार्य निरंतर जारी है।
शनिवार को बेन बाजारों में एक कारोबारी द्वारा मिलावटी व मरे मक्खियों से बजबजाते डब्बे की मिठाईयों को पहुंचाते देखा गया। जब मीडियाकर्मी कारोबारी से कुछ जानना चाहा तो वह रफ्फूचक हो गया।
आगे बताया कि मिलावटी मिठाईयों में मुनाफा अच्छा मिल जाता है। यह पूछे जाने पर कि मिलावटी मिठाईयां से सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता होगा। दुकानदार को मुनाफा से मतलब रह जाता है।
सच तो यह है कि जिम्मेदार विभाग व अधिकारी को मिलावटी व केमिकल युक्त मिठाईयों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और सेहत से खिलबाड़ करने वाले कारोबारियों के विरुद्ध कारवाई होनी चाहिए।
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