उत्पाद विभाग की बड़ी कार्रवाईः जदयू नेता समेत 9 लोग शराब पार्टी करते रंगे हाथ धराए

Big action by excise department 9 people including JDU leader caught red handed while having a liquor party
Big action by excise department 9 people including JDU leader caught red handed while having a liquor party

राजगीर (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में लागू शराबबंदी के बावजूद इस तरह की घटनाएं आम हो रही हैं, जो राज्य सरकार की नीतियों और उनके क्रियान्वयन पर सवाल खड़े करती हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी हैं कि क्या शराबबंदी कानून प्रभावी तरीके से लागू हो रहा हैं, या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक हथकंडा बनकर रह गया हैं।

खबर है कि नालंदा जिले के राजगीर थाना क्षेत्र में शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ाते हुए के एक जदयू नेता सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी तब हुई, जब उत्पाद विभाग की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर दांगी टोला स्थित सामुदायिक भवन में चल रही शराब पार्टी पर छापेमारी की। इस दौरान जदयू के पूर्व नेता विरजू राजवंशी समेत अन्य आठ लोग रंगे हाथ पकड़े गए।

नालंदा के उत्पाद अधीक्षक उमाशंकर प्रसाद को सूचना मिली थी कि दांगी टोला स्थित सामुदायिक भवन में कुछ लोग शराब पार्टी का आयोजन कर रहे हैं। बिना समय गंवाए उन्होंने तुरंत एक टीम गठित की और मौके पर छापामारी की और मौके पर शराब पार्टी में संलिप्त बिरजू राजवंशी के अलावा सूरज कुमार, सुमन कुमार, सुनील कुमार, सोनू कुमार, जितेंद्र कुमार, मनीष कुमार, बिट्टू कुमार और चंदन कुमार को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ उत्पाद अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई हैं और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया हैं।

गिरफ्तार किए गए विरजू राजवंशी को जदयू का नेता बताया जा रहा हैं, हालांकि जिला जदयू प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि विरजू करीब पांच साल पहले जदयू का कार्यकर्ता था, लेकिन अब वह न तो पार्टी में सक्रिय हैं और न ही जदयू का प्राथमिक सदस्य हैं। इसके बावजूद राजगीर के राजनीतिक गलियारों में इस घटना ने खलबली मचा दी हैं।

सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी के बाद कुछ पैरवीकारों को उत्पाद थाना के अंदर और बाहर घूमते देखा गया, लेकिन शराबबंदी कानून के सख्त प्रावधानों के कारण किसी की पैरवी काम नहीं आई। इस घटना ने जहां एक ओर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी हैं, वहीं दूसरी ओर यह बिहार सरकार की शराबबंदी नीति की विफलता की ओर भी इशारा कर रही हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.