बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए इसे पूरी तरह डिजिटल कर दिया है। अब सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही सभी शिक्षकों का ट्रांसफर होगा। जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी। शिक्षा विभाग ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि मैन्युअल ट्रांसफर की व्यवस्था अब समाप्त हो गई है।
शिक्षा विभाग के अनुसार सॉफ्टवेयर आधारित ट्रांसफर प्रक्रिया के पहले चरण की लिस्ट 30 जनवरी तक जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के सभी जिलों से ऑनलाइन रिक्तियों की जानकारी विभाग को प्राप्त हो रही है। इस संबंध में कल शाम तक ट्रांसफर का शेड्यूल भी जारी कर दिया जाएगा।
ट्रांसफर प्रक्रिया चार चरणों में पूरी की जाएगी। पहला चरण जनवरी में समाप्त होने के बाद फरवरी में शेष तीन चरण पूरे किए जाएंगे। हर चरण के लिए नई तारीख की घोषणा की जाएगी। सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षकों को उनके नए आवंटित स्कूलों की जानकारी दी जाएगी। मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के बाद ही शिक्षकों की पोस्टिंग पूरी की जाएगी।
शिक्षा विभाग में इस प्रक्रिया को लेकर कल एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसमें अधिकारियों ने सॉफ्टवेयर में डेटा फीड करने और रिक्तियों को अपडेट करने पर चर्चा की। बैठक के बाद नई तारीखों की घोषणा की जाएगी। अब तक 35 कैंसर पीड़ित शिक्षकों का ट्रांसफर किया गया है।
शिक्षा विभाग का कहना है कि यह कदम ट्रांसफर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और पक्षपात को खत्म करने के लिए उठाया गया है। सॉफ्टवेयर आधारित प्रक्रिया से सभी शिक्षकों को उनकी योग्यता और रिक्तियों के आधार पर उचित स्थान पर पोस्टिंग मिलेगी।
ट्रांसफर के बाद शिक्षकों को फरवरी के दौरान उनके नए स्कूल की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए सॉफ्टवेयर की सहायता से डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को भरोसा दिलाया है कि इस नई प्रणाली से प्रक्रिया में देरी और गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो जाएगी।
- बिहार में बनेंगा माडर्न डिजिटल कृषि निदेशालय, जानें खासियत
- बेंच-डेस्क खरीद घोटाला: HM की शिकायत पर DDC ने गठित की जांच टीम
- राजगीर स्टेशन को मिलेगा इंटरनेशनल लुक, बख्तियारपुर-तिलैया रेलखंड होगा डबल
- सहेली संग कश्मीर घुमने गई युवती को लेकर हुई अपहरण की FIR का खुलासा
- ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड होंगे फर्जी शिक्षकों की निगरानी जांच दस्तावेज