राजगीर (नालंदा दर्पण)। भारत की प्रथम महिला चिकित्सक आनंदीबाई जोशी का राजगीर में डॉ धर्मेंद्र कुमार द्वारा स्थापित कृष्णा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में पुण्यतिथि मनाई गई।
इस अवसर पर दन्त चिकित्सक डॉ निशा गुप्ता ने उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुणे शहर में जन्मी पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने डॉक्टरी की डिग्री ली थी। उनका जन्म 31 मार्च 1865 को पुणे शहर में एवं मृत्यु 26 फ़रवरी 1887 को हुई थी।
उन्होंने कहा कि जिस दौर में महिलाओं की शिक्षा भी दूभर थी, ऐसे में विदेश जाकर डॉक्टरी की डिग्री हासिल करना अपने-आप में एक मिसाल था, उनका विवाह नौ साल की अल्पायु में गोपालराव से हो गया था। जब 14 साल की उम्र में वे माँ बनीं और उनकी एकमात्र संतान की मृत्यु 10 दिनों में ही गई तो उन्हें बहुत बड़ा आघात लगा।
इसके अपनी संतान को खो देने के बाद उन्होंने यह प्रण किया कि वह एक दिन डॉक्टर बनेंगी और ऐसी असमय मौत को रोकने का प्रयास करेंगी। उनके पति गोपालराव ने भी उनको भरपूर सहयोग दिया और उनकी हौसला अफजाई की लेकिन उनका सपना नही पूरा हो सका अल्पावधि में ही उनकी मृत्यु हो गया आज उनको नमन करते हुए हमें गर्व हो रहा है।
इस मौके पर नेत्र चिकित्सक डॉ रजनीश रंजन, दन्त चिकित्सक डॉ अमित गुप्ता राजगीर रेलवे स्टेशन के पूर्व प्रवन्धक मंतोष कुमार मिश्रा ने भी उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर राजगीर नगर परिषद के पूर्व मुख्य पार्षद प्रतियाशी समाजसेवी अनिता कुमारी गुप्ता, भीम चौधरी, नंदू महात्मा, डॉ रवि कुमार, केशरी त्रिपाठी, अशोक कुमार, समाजसेवी रमेश कुमार पान आदि लोगो ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
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