बिहार शिक्षा विभाग में लिपिकों की नियुक्ति पर डोमिसाइल नीति लागू

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में लिपिकों की नियुक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने बिहार राज्य विद्यालय लिपिक संवर्ग का गठन कर इसकी नियमावली को अधिसूचित कर दिया है।
इस अधिसूचना के साथ स्कूलों में लिपिकों की सीधी भर्ती और अनुकंपा आधारित नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यह अधिसूचना शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी की गई है।
नई नियमावली के अनुसार लिपिकों की सीधी भर्ती के लिए भारत के वे नागरिक पात्र होंगे जो बिहार के मूल निवासी हों। इस तरह नियुक्ति प्रक्रिया में डोमिसाइल नीति को प्रभावी किया गया है।
यह कदम बिहार के स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। नियमावली के तहत कुल 7593 लिपिक पदों पर भर्ती की जाएगी, जो स्कूलों में प्रशासनिक कार्यों को सुचारू बनाने में मदद करेगी।
अधिसूचना के अनुसार, मूल कोटि के विद्यालय लिपिक पदों पर नियुक्ति सीधी भर्ती के माध्यम से होगी। जिसका आयोजन बिहार तकनीकी चयन आयोग के जरिए किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त मूल कोटि के 15% पद विद्यालय परिचारियों की प्रोन्नति के माध्यम से भरे जाएंगे। अनुकंपा के आधार पर भी रिक्तियों के विरुद्ध नियुक्तियां की जा सकेंगी।
लिपिक संवर्ग में मूल कोटि के विद्यालय लिपिक, वरीय विद्यालय लिपिक और प्रधान विद्यालय लिपिक श्रेणियां शामिल हैं। वरीय और प्रधान लिपिक के पद प्रोन्नति के माध्यम से भरे जाएंगे।
हालांकि सीधी भर्ती से नियुक्त कर्मचारियों के लिए विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। ये पद स्थानांतरणीय होंगे। जिससे कर्मचारियों को विभिन्न जिलों में सेवा प्रदान करने का अवसर मिलेगा।
वहीं नियमावली में अनुकंपा आधारित नियुक्ति के लिए भी प्रावधान किया गया है। यदि किसी शिक्षक या शिक्षकेत्तर कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उनके आश्रित उसी जिले में लिपिक पद के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे, जहां संबंधित कर्मचारी कार्यरत थे। अनुकंपा पर नियुक्त कर्मचारियों को विद्यालय सहायक लिपिक के रूप में नियुक्त माना जाएगा।
इस नई नियमावली और भर्ती प्रक्रिया से बिहार के स्कूलों में प्रशासनिक कार्यों की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है। लिपिकों की नियुक्ति से स्कूलों में दस्तावेजीकरण, रिकॉर्ड रखरखाव और अन्य प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी। साथ ही अनुकंपा नियुक्ति के प्रावधान से मृतक कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।









