
नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार की प्रमुख और ऐतिहासिक सड़कों में से एक, राष्ट्रीय राजमार्ग-31 (NH-31) जल्द ही एक नए रूप में सामने आएगा। खगड़िया से पूर्णिया तक लगभग 140 किलोमीटर लंबे इस मार्ग को दो लेन से फोरलेन में परिवर्तित करने की योजना अब अंतिम चरण में है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है और जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
एनएच-31 बरौनी से असम तक जाने वाला एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग है, जो बिहार के आठ जिलों- बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार को जोड़ता है। इस मार्ग की मौजूदा दो लेन की चौड़ाई के कारण वाहनों की आवाजाही में देरी और हादसों का खतरा बना रहता था। फोरलेन में परिवर्तन के बाद न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि सड़क सुरक्षा और यातायात की सुगमता में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।
विभागीय सूत्रों के अनुसार बेगूसराय से खगड़िया तक इस मार्ग का चौड़ीकरण पहले ही पूरा हो चुका है। अब खगड़िया से पूर्णिया तक के शेष हिस्से को फोरलेन बनाने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। इस परियोजना के तहत सड़क की चौड़ाई बढ़ने से क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। क्योंकि यह मार्ग व्यापार और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है।
इस परियोजना के लिए अनुमानित 890 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। जिसमें से 770 हेक्टेयर जमीन पहले से ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पास उपलब्ध है। शेष 120 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण जल्द शुरू किया जाएगा। डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी कास्टा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई थी, जिसने इस कार्य को समय पर पूरा कर लिया है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस वर्ष के अंत तक निर्माण एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा, और निर्माण कार्य भी शीघ्र शुरू होने की संभावना है। परियोजना के पूरा होने पर यह मार्ग न केवल स्थानीय निवासियों के लिए, बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी लिंक के रूप में उभरेगा।