नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार में पेपर लीक माफिया के खिलाफ पटना आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने एक बड़ा कदम उठाया है। 21 अक्तूबर को संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने के बाद 22 अक्तूबर को पटना और नालंदा समेत चार स्थानों पर छापेमारी की गई।
ईओयू को संजीव मुखिया के खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। जिसमें उनकी आय से अधिक संपत्ति का उल्लेख था। जांच में पाया गया कि संजीव के पास कुल 1.75 करोड़ की चल और अचल संपत्ति है, जो उनकी आय से 144 फीसदी अधिक है।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि संजीव मुखिया ने बिहार में सिपाही और शिक्षक भर्ती के साथ नीट यूजी का पेपर लीक कराया है। उसके गिरोह ने झारखंड और अन्य राज्यों में पेपर लीक के जरिए करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। संजीव मुखिया के खिलाफ पहले से ही सीबीआई और ईडी में मामले दर्ज हैं।
ईओयू की छापेमारी में संजीव के माता-पिता के नाम पर पटना से लेकर नालंदा तक 9 स्थानों पर 36 लाख की जमीन के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा संजीव के ठिकाने से 16 चक्के के कई वाहनों के कागजात भी बरामद हुए हैं। संजीव और उनके परिवार के सदस्यों ने कभी भी आयकर रिटर्न नहीं भरा है।
जबकि उनके पास पटना के रूपसपुर में एक आलीशान मकान और खगौल रोड पर अन्य संपत्तियां हैं। संजीव के पास 17.50 लाख की क्रेटा कार और पत्नी के नाम से 1.10 लाख की बाइक भी है।
ईओयू के अनुसार संजीव और उनके बेटे ने पेपर लीक के बाद छात्रों और उनके अभिभावकों से प्राप्त धनराशि को बैंक खातों में जमा किया और फिर उन खातों को बंद कर दिया। संजीव का बेटा डॉ. शिवकुमार वर्तमान में कोई व्यवसाय नहीं कर रहा है, लेकिन उसके एचडीएफसी बैंक में 10 लाख रुपये जमा मिले हैं।
संजीव के परिवार के पास कुल 12 बैंक खाते हैं। जिनमें से पत्नी के 5 खाते और संजीव के नाम 2 खाते शामिल हैं। संजीव का वेतन खाता पीएनबी में 5.20 लाख रुपये जमा हैं।
कुल मिलाकर ईओयू ने संजीव मुखिया के खिलाफ इस जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं, जो बिहार के पेपर लीक माफिया की सच्चाई को सामने लाते हैं। अब देखना होगा कि ईओयू आगे की कार्रवाई कैसे करती है और क्या उसे न्याय के कटघरे में लाया जा सकेगा।
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