चंडी (नालंदा दर्पण)। देश का एक वीर सैनिक, जो सियाचिन ग्लेशियर और कारगिल युद्ध में भाग लेता है वह देश के दुश्मनों के दांत खट्टे कर देता है। लेकिन एक नागरिक के रूप में अपने ही गांव जेवार में सिस्टम से हार जाता है।
उसूलों के पक्के पूर्व सैनिक सत्येंद्र सिंह जब अपने गांव में गलत देखते हैं तो उसके खिलाफ आवाज उठाते हैं।जिसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ रही है। हम सैनिकों को सलामी देते हैं, लेकिन उन्हें गालियां और धमकी मिलती है।
मामला चंडी प्रखंड के गंगौरा पंचायत के ढकनिया गांव की है। जहां के पूर्व सैनिक सत्येंद्र सिंह का अपना पैतृक घर जमीन है। उन्होंने अपनी 12 कट्ठे की जमीन बटाईदार को दे रखी है। जिसपर दबंगों ने कब्जा कर रखा है।
पूर्व सैनिक सत्येंद्र सिंह ने गांव में जब लूट खसोट देखी तो उन्होंने इसकी शिकायत सीएम से लेकर जिले और प्रखंड के पदाधिकारियों से की। जिसके बाद से दबंगों ने उनके घर पर चढ़कर गाली गलौज किया। पुलिस शिकायत के बाद भी उनकी सुध लेने कोई नहीं आया।
सत्येंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि गांव में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना से नल जल योजना के तहत कार्य 2018 से अभी भी अधूरा है।
यहां तक कि पानी टंकी भी अभी तक नहीं लगा है। एस्टीमेट से भी कम काम हुआ है। इसके पानी पर दबंगों का कब्जा है। वे अपने खेत, तालाब और बगीचे को इस पानी से पटाते है।
यहां तक कि वे सरकारी जमीन का अतिक्रमण भी किये हुए हैं, जिसको लेकर उन्होंने सीएम से लेकर राजस्व मंत्री को शिकायत भेजी थी। जो उनके गले का फांस बन गया है।
उन्होंने बताया कि वे जमशेदपुर के जुगसलाई में रहते हैं। कभी कभी गांव आते हैं तो उन्हें धमकी मिलती है। उनके साथ पत्नी एक बेटा दो छोटे पोते साथ में हैं।
उन्होंने जिले के डीएम, एसपी से लेकर चंडी थाना प्रभारी से भी अपनी जान माल की गुहार लगा चुके हैं।
यहां तक कि उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी हत्या की आशंका जाहिर की है। उन्होंने पिछले महीने ही डीएम एसपी से जान माल की गुहार लगाई है। लेकिन उनकी शिकायत को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है।