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    Friday, April 26, 2024
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      सियाचिन ग्लेशियर-कारगिल योद्धा का फेसबुक पर छलका दर्द- ‘मेरा पोस्टमार्टम कराने आएगा चंडी थानेदार’, जानिए पूरा मामला

      “देश का एक सैनिक सीमा पर दुश्मनों से लोहा लेता है। सैनिक वह इंसान होता है जो पूरे देश को अपना परिवार समझता है और सीमा पर डट कर सब की रक्षा करता है। वे दिन-रात मेहनत करके दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं, और सच्चे देशभक्त कहलाते हैं। उनका जीवन बहुत ही कठिन होता है फिर भी वे हमारी रक्षा डट कर करते हैं। लेकिन अपने ही गांव जेवार में वह अपने ही लोगों से लोहा नहीं ले पाता है। उसे न कोई कानून साथ देता है और न पदाधिकारी। यहां तक कि गांव में उसके खेत पर दबंग कब्जा कर लेते हैं। गांव में सरकारी योजनाओं में लूट खसोट पर सवाल उठाता है तो उसे तंग किया जाता है। जान से मार देने की धमकी मिलती है….

      नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के नालंदा जिले के चंडी प्रखंड के ढकनिया गांव के ऐसे ही एक पूर्व सैनिक हैं, जिनका नाम है सत्येंद्र सिंह। फिलहाल वह जमशेदपुर के रथगली जुगसलाई में रहते हैं। साथ ही कई सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए जुगसलाई में उल्लेखनीय कार्य में लगे हुए हैं।

      Nalanda Kargil warrior occupies the land the threat of life from Thanedar to SP from CO to DM from CM to PM no one is listening 3एक सैनिक के रूप में उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर में आपरेशन मेघदूत में शामिल हुए थे। यहां तक कि उन्होंने कारगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया और दुश्मनों को नाको चनों चबा कर ही दम लिया था।

      लेकिन उनके गांव के कुछ दबंगों ने उनके 12 कट्ठे खेत पर कब्जा जमाए हुए हैं। यहां तक कि दबंग गांव की गैरमजरूआ ज़मीन पर कब्जा कर पेड़ पौधे लगा रखा है।

      मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत नल जल का पानी स्वयं दबंग उपयोग कर रहे हैं। इसकी शिकायत करने पर उन्हें धमकी दी जा रही है।

      उन्होंने पीएम से लेकर सीएम तक और डीएम से लेकर सीओ तक सभी जगह गुहार लगाई, लेकिन किसी ने भी इस देशभक्त सैनिक की सुध नहीं ली।

      पूर्व सैनिक सत्येंद्र सिंह ने फेसबुक के माध्यम से अपना दर्द और हत्या की आशंका व्यक्त की है। जिसमें उन्होंने लिखा है..

      “दोस्तों! मैं कारगिल युद्ध में शहीद नहीं हुआ, लेकिन ढकनिया (चंडी) गांव में मेरा हत्या हो जाएगा,इसकी पूरी जिम्मेदारी एसपी (नालंदा) और थानाध्यक्ष (चंडी) की होगी।

      मैं गांव में जलापूर्ति योजना,गली का पक्कीकरण में घोटाला, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण में तीन साल से पुलिस द्वारा लीपापोती की जा रही है। आरोपी हरसमय जान से मारने की धमकी देता है। फिर भी चंडी थानाध्यक्ष चुप है। जब मैं मर जाऊंगा तो सभी मेरा पोस्टमार्टम कराने आएंगे”

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      सत्येंद्र सिंह फिलहाल अपने गांव में है, जहां उनके साथ उनकी पत्नी,उनका छोटा लड़का और पांच साल का दो पोता भी है। जिन्हें जान का खतरा है।

      उन्होंने सीएम और नालंदा डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि अगर एक सप्ताह के अंदर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो वह डीएम कार्यालय, नालंदा के समक्ष धरने पर बैठ जाएंगे।

      पूर्व सैनिक सत्येंद्र सिंह ने 10 अप्रैल को सीएम को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री निश्चय योजना के अंतर्गत जलापूर्ति ,गली में ईंट बिछाई,नली आदि में घोटाला, सरकारी जमीन पर अतिक्रमण,बेचने और पेड़ पौधे लगाने की शिकायत 2 जूलाई, 2018 को सीएम , सचिव,राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ,डीएम नालंदा, एसडीएम हिलसा,बीडियो सीओ,चंडी थानाध्यक्ष को लिखकर जांच की मांग की थी।

      इसके बाद बदले की भावना से गांव के एक दबंग परिवार ने उन्हें निशाने पर ले लिया। गांव के ही एक बटाईदार इंदल पासवान की पत्नी को धमका कर उनके 12 कट्ठे खेत पर कब्जा कर लिया।

      इंदल पासवान की पत्नी की शिकायत पर उन्होंने नालंदा एसपी, एसडीपीओ और थानाध्यक्ष को आवेदन दिया, तब जाकर दबंगों ने उनके खेत कब्जे से मुक्त कर दिया, लेकिन बटाईदार को खेती करने नहीं दिया जा रहा है।

      उच्च पदाधिकारियों के निर्देश पर 8 मई, 2019 को गांव में मेरे रहते तत्तकालीन अंचल निरीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह ने जांच किया, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। वह दबंगों से ही रिश्तेदारी निभा चले गये।

      पूर्व सैनिक ने आरोप लगाया कि सरकारी जमीन से संबंधित शिकायत पर नक्शा,खतियान एवं सीओ रिपोर्ट पर जांच कराने की मांग की थी। गांव के प्लाट संख्या 627 जो खाई है, उसे भरकर पेड़ पौधे लगाएं गए। खाता संख्या 123 प्लाट संख्या 663 जो गैरमजरूआ ज़मीन है, जिसे शिवन पासवान के हाथ बेच दिया गया है। लेकिन सीओ की रिपोर्ट में उसका उल्लेख तक नहीं है। वह जमीन सीओ के जांच से गायब है।

      उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 में बना जलापूर्ति स्थल पर अभी भी टंकी नहीं लगा है। यहां तक उसके पानी से दबंग अपने बगीचे ,खेत की सिंचाई कर रहें हैं। इसी सब का विरोध करने पर उन्हें जान से मारने की धमक दी जा रही है।

      फिलहाल, उन्होंने 12 अप्रैल को ही नालंदा एसपी, डीएम तथा अन्य पदाधिकारियों को पत्र लिखकर जान माल की गुहार लगाई है।

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