बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण डेस्क)। नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ अवस्थित सदर अस्पताल की हालत में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। यहां अस्पताल प्रबंधन की नाकामियां हर रोज उजागर हो रही है। एक मामला ठंडा भी नहीं पड़ता कि दूसरा मामला उजागर होता है।
अभी पूरा जिला हीट वेभ से गुजर रहा है। ऐसे में हीट वेभ से बचने के लिए सदर अस्पताल में हीट वेभ वार्ड बना था। तीन दिन पहले तक सदर अस्पताल के एक कमरे में दीवार पर हीट वेभ वार्ड का पोस्टर लगाया था। लेकिन अब अचानक वहां पीकू वार्ड का बोर्ड लगा दिया गया।
ऐसे में अगर हीट वेभ से ग्रसित रोगी आयेंगे तो उनका इलाज कहां होगा। यह यक्ष प्रश्न है। रोज हीट वेभ से ग्रसित रोगी इधर-उधर निजी क्लिनिकों का सहारा ले रहे है। उल्टी, पेट दर्द, लू की शिकायत, सनवाइट के शिकार रोगियों की संख्या रोज बढ़ती जा रही है। ऐसे रोगी सदर अस्पताल भी आते है जिन्हें आउटडोर से हीं छुट्टी दे दी जाती है।
यहां अब तक हीट वेभ वार्ड में एक भी रोगी के भर्ती होने की सूचना नहीं है। अगर हीट वेभ से ग्रसित रोगियों को भर्ती भी किया जा रहा है तो उन्हें इमरजेंसी वार्ड में हीं रखा जाता है और वहीं से हीं इलाज कर वापस घर भेजा जाता है या रेफर कर दिया जाता है।
इतना हीं नहीं सदर अस्पताल के सेकेंड फ्लोर पर 10 बेड का आईसीयू वार्ड बना है, लेकिन डेढ़ साल में भी यहां एक रोगी को भर्ती नहीं किया गया। हद तो यह है कि विभाग के आदेश पर अस्पताल प्रबंधन सिर्फ एक ही वार्ड के दरवाजे पर अलग-अलग बोर्ड और बैनर बदलकर खानापूर्ति करते रहता है।
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