बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में एक सरकारी स्कूल नजीर (Mismanagement) बनकर सामने आया है। इस स्कूल को लेकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारी बिल्कुल बौने साबित हो रहे हैं। पिछले कई महीने से इस स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक को आदेश पर आदेश दिया जा रहा है, लेकिन वे किसी आदेश को मानने को तैयार नहीं हैं।
दरअसल यह मामला रहुई प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय सोसंदी से जुड़ा है। यहां नियुक्त प्रधानाध्यापक को प्रभार नहीं दिया जा रहा है। नवनियुक्त प्रधानाध्यापक उदित नारायण द्वारा जिले के आला अधिकारियों से लेकर शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री तक से गुहार लगायी जा चुकी है कि उन्हें प्रधानाध्यापक का प्रभार नहीं मिलने से स्कूल का शैक्षणिक वातावरण बिगड़ रहा है तथा बच्चों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन समस्या यथावत है।
अब नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मध्य विद्यालय सोसंदी के दोनों प्रभारी प्रधानाध्यापकों को कार्यालय के द्वारा एक बार फिर नियुक्त किए गए प्रधानाध्यापक को तत्काल प्रभार देने की कड़ी चेतावनी दी गई है। विद्यालय के नए प्रधानाध्यापक उदित नारायण को 24 घंटे के भीतर संपूर्ण प्रभार नहीं देने की स्थिति में दोनों प्रभारी प्रधानाध्यापकों पर अनुशासनिक कार्रवाई की बात कही गई है।
बताया जाता है कि जिला शिक्षा कार्यालय के द्वारा विभागीय निर्देशानुसार मार्च 2024 में मध्य विद्यालय के शिक्षक उदित नारायण को मध्य विद्यालय सोसंदी का प्रधानाध्यापक बनाया गया था। विद्यालय में पूर्व से तैनात दो प्रभारी मध्य विद्यालय सोसंदी, रहुई। प्रधानाध्यापकों सुजन्ता कुमारी तथा निशात आलम के द्वारा उन्हें अब तक प्रभार नहीं दिया गया है। बल्कि दोनों प्रभारी प्रधानाध्यापकों के द्वारा नये प्रधानाध्यापक को तरह-तरह से परेशान भी किया जाता रहा है।
इस संबंध में नए नवनियुक्त प्रधानाध्यापक उदित नारायण के द्वारा जिले के आला अधिकारियों से लेकर शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री तक से गुहार लगायी गयी थी। उन्होंने अपनी फरियाद में कहा था कि उन्हें प्रधानाध्यापक का प्रभार नहीं मिलने से विद्यालय का शैक्षणिक वातावरण बिगड़ रहा है तथा बच्चों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
अब जिला शिक्षा पदाधिकारी ने फिर दोनों प्रभारी प्रधानाध्यापकों को प्रभार सौंपने का सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि अब तक विद्यालय का प्रभार नवनियुक्त प्रधानाध्यापक को नहीं दिये जाने के कारण प्रभारी प्रधानाध्यापिका सुजन्ता कुमारी पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा प्राथमिक की भी दर्ज कराई गई है।
फिर भी दोनों के द्वारा प्रभार नहीं सौंपा जाना वित्तीय अनियमितता को परिलक्षित करता है तथा उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना का भी द्योतक है। इस संबंध में कई आदेश दिये जाने के बावजूद आप लोगों के द्वारा प्रभार नहीं सौंपा गया है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इसे अंतिम स्मार पत्र बताते हुए पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर विद्यालय का संपूर्ण प्रभार सौंपने का सख्त निर्देश दिया है। उन्होंने रहुई प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी को भी इस मामले में प्रभार आदान-प्रदान कराने का निर्देश दिया है। अब देखना है कि निर्धारित अवधि के भीतर मध्य विद्यालय सोसंदी का मामला कौन सा नया मोड़ लेता है या फिर आदेश कार्रवाई सिर्फ कागज पर ही सिमित होकर रह जाता है।
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