“अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर इस छापेमारी से जहां आम जनता ने सिविल सर्जन के इस कदम की सराहना की। वहीं लोगों ने यह भी शिकायत की कि कई बार कार्रवाई के बावजूद अवैध केंद्र दोबारा चालू हो जाते हैं…
चंडी (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के चंडी प्रखंड क्षेत्र में उस समय स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी कार्रवाई देखने को मिली, जब सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने अवैध रूप से संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर अचानक छापेमारी की। इस कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। कई संचालक अपना बोर्ड और बैनर उखाड़कर शटर बंद कर मौके से फरार हो गए।
बॉम्बे अल्ट्रासाउंड केंद्र के कमरे में बंद हुआ स्टाफः छापेमारी के दौरान रेफरल अस्पताल के सामने स्थित बॉम्बे अल्ट्रासाउंड में लगभग एक घंटे तक जांच चली। सिविल सर्जन और उनकी टीम ने वहां मौजूद एक स्टाफ को कमरे में बंद पाया। लाख कोशिशों के बावजूद वह बाहर नहीं आया। इसके बाद टीम ने आगे के सेंटरों की ओर रुख किया, लेकिन तब तक अधिकांश संचालक अपने केंद्र बंद कर भाग चुके थे।
सिविल सर्जन ने किया अस्पताल का निरीक्षणः छापेमारी के बाद सिविल सर्जन चंडी रेफरल अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने ब्लड बैंक, ऑपरेशन थिएटर और अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिया कि हर मंगलवार को अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए और सभी ऑपरेशन से संबंधित सामग्री उपलब्ध रखी जाए।
अवैध केंद्रों पर होगी सख्त कार्रवाईः सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्र न केवल कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि इससे गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम का भी उल्लंघन होता है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे सभी केंद्रों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और नियमित रूप से छापेमारी अभियान जारी रहेगा।
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