Friday, February 28, 2025
अन्य

संक्रमण काल से गुजर रहा नालंदा खुला विश्वविद्यालय

राजगीर (नालंदा दर्पण)। नालंदा खुला विश्वविद्यालय को देश के विकासशील विश्वविद्यालयों की श्रेणी में खड़ा करने की धरातलीय तैयारी आरंभ की गई है। इस योजना के तहत अनेकों कार्यक्रमों को अमलीजामा पहनाने की कार्रवाई की जाएगी। नामांकित छात्रों की संख्या के हिसाब से नालंदा खुला विश्वविद्यालय बिहार का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। इसके बावजूद यह विश्वविद्यालय संक्रमण काल के दौर से गुजर रहा है। इसे इस दौर से निकालकर शीर्ष पर पहुंचाने की योजना बनाई गई है।

स्नातकोत्तर स्तर के विषयों का एफिलिएशन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा पिछले वर्ष प्रदान किया गया था। इन विषयों में नामांकन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, लेकिन स्नातक स्तर के विषयों का एफिलिएशन अभी तक नहीं मिला है। इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर रेगुलेशन कमेटी बनाई गई है, जो यूजीसी से बातचीत कर रही है। चार सेमेस्टर में पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए सेवा स्तर प्रबंधन (एसएलएम) का गठन किया गया है और इसके लिए नियमावली तैयार की जा रही है।

डाटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मार्कअप लैंग्वेज (एआईएमएल) और साइबर क्राइम जैसे विषयों में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स नालंदा खुला विश्वविद्यालय में शुरू किए जाएंगे। इन विषयों का सिलेबस तैयार किया जा रहा है। चूंकि डाटा साइंस और एआईएमएल की देश-विदेश में अत्यधिक मांग है।  इसलिए इन कोर्सों से बेरोजगार युवाओं को नौकरी और स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे। विश्वविद्यालय में पहले की तरह बीएड और एमएड कोर्स की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि सामान्य परिवारों के छात्र कम खर्चे में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।

उदाहरण के तौर पर, नालंदा खुला विश्वविद्यालय में एमसीए का कोर्स मात्र 20,000 रुपये वार्षिक शुल्क लेकर पूरा कराया जाता है। जबकि अन्य निजी संस्थानों में यह लाखों रुपये में उपलब्ध है। इसके अलावा, पीएम उच्चतर शिक्षा राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की जगह अब यहां पीएम उच्चतर शिक्षा अभियान चलाया जाएगा, जिसके संचालन के लिए 20 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इस अभियान के तहत ऑनलाइन कक्षाएं आरंभ की जाएंगी और बड़े विश्वविद्यालयों की तरह स्टूडियो तथा साउंड प्रूफ कमरे बनाए जाएंगे, जहां विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल हो सकेंगे।

नालंदा खुला विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यह बिहार का एकमात्र विश्वविद्यालय है, जहां कम खर्च में उच्च शिक्षा प्रदान की जाती है। यहां जल्द ही बीएड और एमएड के एफिलिएशन के लिए प्रयास किए जाएंगे। ताकि अधिक से अधिक छात्र लाभान्वित हो सकें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

संबंधित खबर

error: Content is protected !!
विश्व को मित्रता का संदेश देता वैशाली का यह विश्व शांति स्तूप राजगीर सोन भंडारः जहां छुपा है दुनिया का सबसे बड़ा खजाना यानि सोना का पहाड़ राजगीर वेणुवन की झुरमुट में मुस्कुराते भगवान बुद्ध राजगीर बिंबिसार जेल, जहां से रखी गई मगध पाटलिपुत्र की नींव