कुख्यात परीक्षा माफिया संजीव उर्फ लूटन मुखिया ने कमाई अकूत संपति, चलेगा मुकदमा

Notorious exam mafia Sanjeev alias Lutan Mukhiya earned huge wealth, case will be filed
Notorious exam mafia Sanjeev alias Lutan Mukhiya earned huge wealth, case will be filed

नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। बिहार में शिक्षा-परीक्षा प्रणाली की धज्जियाँ उड़ाने वाले कुख्यात परीक्षा माफिया संजीव उर्फ लूटन मुखिया के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया है। संजीव मुखिया नीट यूजी सहित देश के कई राज्य की प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक करने के मुख्य आरोपी हैं, उसके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।

ईओयू की जांच में पता चला है कि संजीव मुखिया ने अपनी सरकारी नौकरी के पद का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति अर्जित की है। जांच के अनुसार उनकी संपत्ति उनके ज्ञात आय के स्रोतों से 144 फीसदी से अधिक है। यह मामला तब सामने आया, जब ईओयू ने संजीव के नालंदा स्थित पैतृक आवास और पटना के दो ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में कई महत्वपूर्ण संपत्ति के कागजात भी बरामद हुए हैं।

संजीव मुखिया के नगरनौसा प्रखंड के बलवापर गांव स्थित घर से अब तक की छापेमारी में कुल साढ़े ग्यारह लाख रुपये नगद, उनके और उनके परिजनों के नाम पर दर्जनों दोपहिया, चार पहिया और 16 पहिया वाहन, एक दर्जन से अधिक मोबाइल सेट और लैपटॉप बरामद हुए हैं। इसके अलावा बड़े पैमाने पर परिजनों के नाम पर नालंदा में भूमि खरीदने और निवेश के कागजात भी मिले हैं।

बता दें कि ईओयू ने संजीव की गिरफ्तारी के लिए चार टीमों का गठन किया है, जिन्होंने पटना और नालंदा में तलाशी ली। लेकिन संजीव उर्फ लूटन मुखिया अब भी फरार है। जांच एजेंसी का कहना है कि उन्होंने अपनी संपत्तियों को छिपाने के लिए कई तरीके अपनाए हैं, जिससे उन्हें पकड़ पाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

यह पूरा प्रकरण बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ते भ्रष्टाचार की एक बड़ी कड़ी के रुप में सामने आई है। संजीव जैसे माफियाओं ने न केवल परीक्षा प्रणाली को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि युवाओं के भविष्य के साथ भी खेला है।

ईओयू के अधिकारियों के अनुसार इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है और आरोपी को किसी भी हाल में पकड़ने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

वेशक संजू मुखिया की कहानी एक गंभीर चेतावनी है कि समाज में शिक्षा और नैतिकता का मूल्य कितना घातक है। देखना यह है कि ईओयू इस कुख्यात माफिया को पकड़ने में कितनी सफल होती है और क्या यह मामला बिहार में शिक्षा के भ्रष्ट तंत्र को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

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