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    Saturday, September 7, 2024
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      घर-घर बांटे जायेंगे ओआरएस और जिंक, चलेगा सघन दस्त नियंत्रण पखवारा

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवारा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सदर अस्पताल सभागार में जिलास्तरीय समन्वय समिति की बैठक हुई, जिसमें विभिन्न प्रखंडों प्रभारी चिकित्सा पधाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, बीसीएम उपस्थित हुए।

      मौके पर नालंदा सिविल सर्जन (सीएस) डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि 23 जुलाई से चलने वाले स्टॉप डायरिया कैंपेन दस्त की रोकथाम अभियान को पूरी तरह से सफल बनाएं। आयोजन स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग एवं ग्रामीण विकास के समन्वय सहभागिता से किया जाना है।

      उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आवश्यक है कि कार्यक्रम के अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों का सूचना का योजना एवं अनुसरण किया जाये। अभियान का उद्देश्य डायरिया के प्रसार को कम करना एवं इससे होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य तक लाना है।

      उन्होंने कहा कि इसके लिए डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होना है। ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग से डायरिया से होने वाली मृत्यु को कम किया जा सकता है।

      उन्होंने बताया कि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों लक्षित लाभार्थी समस्त 5 साल वर्ष की उम्र तक के बच्चे 5 वर्ष की उम्र तक के समस्त बच्चे जो अभियान के दौरान दस्त रोग से ग्रसित हो प्राथमिकता वाले क्षेत्र स्वास्थ्य केंद्र, अति संवेदनशील क्षेत्र, शहरी झुग्गी-झोंपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ग्रस्त क्षेत्र भवन निर्माण कार्य में लगे मजदूर, ईंट भट्ठा पर रह रहे लोग, अनाथालय जैसे क्षेत्र को चिह्नित कर, जहां दो से तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों, ऐसे क्षेत्रों में आशा द्वारा भ्रमण कर जिंक और ओआरएस का वितरण करना सुनिश्चित करेंगे।

      उन्होंने कहा कि डायरिया ठीक न होने पर बच्चों को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। बेहोश होना, पानी जैसा लगातार दस्त होना, बार-बार उल्टी होना, अधिक प्यास लगना, पानी न पीना, बुखार होना, मल में खून आ रहा हो इन सब स्थिति में तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर इलाज कराएं।

      जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि जिन घरों में 2 से 5 साल के बच्चे हैं उनकी माता को स्तनपान एवं उम्र के अनुसार पूरक पोषाहार की जानकारी दें। ग्रसित बच्चों की पहचान करें।

      इस बैठक में एसीएमओ डॉ. कुमकुम, डीपीएम श्याम कुमार निर्मल, उज्वल कुमार, डीसीएम साजिद हुसैन, पिरामल स्वास्थ्य के प्रतिनिधि यूनिसेफ यूएनडीपी के लोग भी उपस्थित थे।

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