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    Tuesday, December 3, 2024
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      पावापुरी महोत्सव: भगवान महावीर की भव्य शोभायात्रा, 51 किलो का महापरिनिर्वाण लड्डू अर्पण

      पावापुरी (नालंदा दर्पण)। भगवान महावीर के 2550वें महापरिनिर्वाण पावापुरी महोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं का अद्वितीय जोश और भक्ति-भाव देखने को मिला। दिगंबर जैन समाज ने भगवान महावीर की प्रतिमा को चांदी के रथ पर विराजमान कर भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया।

      यह भव्य शोभा यात्रा दिगंबर जैन मंदिर से शुरू होकर जल मंदिर पर समाप्त हुई। इस यात्रा में गाजे-बाजे, ध्वज पताका और भक्ति के रंग में रंगे श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर की जयघोष के साथ रथ को खींचते हुए भाग लिया। यात्रा के समापन पर जल मंदिर में भगवान महावीर को 51 किलो का महापरिनिर्वाण लड्डू चढ़ाया गया।

      अग्नि संस्कार भूमि पर विशेष आयोजनः पूरी रात चलने वाले इस आयोजन के दौरान जैन अनुयायियों ने निर्वाण जाप किया। सुबह पांच बजे जल मंदिर में विशेष महाआरती का आयोजन हुआ। जिसमें विभिन्न राज्यों से आए हजारों जैन धर्मावलंबियों ने भाग लिया।

      महावीर की चरण पादुका के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। एक विशेष मान्यता के अनुसार, उत्सव के दिन मंदिर का छत्र स्वतः हिलता है और उसके पश्चात भगवान महावीर के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करते हुए भक्त लड्डू चढ़ाते हैं। इस दृश्य का गवाह बनने के लिए श्रद्धालु रात भर मंदिर परिसर में टकटकी लगाए रहते हैं।

      निर्वाण लड्डू की ऐतिहासिक बोलीः दिगंबर परंपरा के अनुसार निर्वाण लड्डू चढ़ाने की बोली लगाई जाती है और इस बार पहली बोली मुंबई निवासी बरखा जैन और राजेश जैन ने 5,51,000 रुपये में लगाई। इसके बाद निलेश जैन (देवास) और विपिन दास सांवला ने द्वितीय एवं तृतीय बोली लगाई। शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालु सिर पर मुकुट और मालाएं पहने, भजन गाते और झूमते हुए भक्ति भाव में डूबे रहे।

      महावीर के संदेशों का जयघोष और लोक संस्कृति की झलकः श्वेतांबर जैन समाज के श्रद्धालुओं ने भी चांदी के रथ में भगवान महावीर की प्रतिमा को विराजमान कर जल मंदिर तक भव्य शोभायात्रा निकाली। महिला श्रद्धालु पीले-उजले वस्त्र पहनकर जय बोलो महावीर के गीतों पर नृत्य करती रहीं। वहीं पुरुष सिर पर पगड़ी बांधे जयघोष कर रहे थे।

      पावापुरी महोत्सव में कला संस्कृति मंत्रालय, बिहार सरकार एवं नालंदा जिला प्रशासन द्वारा बच्चों और स्थानीय कलाकारों को अपनी कला प्रस्तुत करने का मंच दिया गया। स्कूल के बच्चों ने भगवान महावीर के जीवन और उनके संदेशों को जीवंत करने के लिए नृत्य एवं गीत प्रस्तुत किए। मराठी फोक नृत्य, सामूहिक गान और महावीर के जीवन-चरित्र पर आधारित नृत्य के कार्यक्रमों ने दर्शकों का मन मोह लिया।

      इस अवसर पर मंदिर प्रबंधक अरुण जैन, जगदीश जैन, गीतम मिश्रा सहित अन्य धार्मिक पदाधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था में सहयोग के लिए स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया।

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