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    Friday, April 18, 2025
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      PM Shri Vidyalaya: अब इन 25 मिडिल स्कूलों का अस्तित्व होगा खत्म

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत नालंदा जिले के 25 मध्य विद्यालयों को पड़ोस के पीएम श्री विद्यालय (PM Shri Vidyalaya) में विलय करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप इन मध्य विद्यालयों का स्वतंत्र अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) के निर्देश के आलोक में यह कदम उठाया गया है। इसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और एकीकृत करना है।

      जिला शिक्षा विभाग के अनुसार इन 25 मध्य विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 तक पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राएं अब अपने नजदीकी पीएम श्री विद्यालयों में पढ़ाई करेंगे। साथ ही इन मध्य विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी संबंधित पीएम श्री विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। पहले इन पीएम श्री विद्यालयों में केवल कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई होती थी। लेकिन अब शैक्षणिक सत्र 2025-26 से इन स्कूलों में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई होगी। यह व्यवस्था एक एकीकृत शैक्षणिक और प्रशासनिक इकाई के रूप में संचालित की जाएगी।

      इस विलय प्रक्रिया के तहत कुछ विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं। यदि किसी मध्य विद्यालय में पहले से विहित वेतनमान पर प्रधानाध्यापक नियुक्त हैं तो उन्हें अन्य मध्य विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। साथ ही मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के पद को समाप्त करने के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहीं जिन मध्य विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक की प्राथमिक कक्षाएं संचालित हो रही हैं, वे स्वतंत्र प्राथमिक विद्यालय के रूप में परिवर्तित हो जाएंगी। इन प्राथमिक विद्यालयों के लिए प्रधान शिक्षक का पद अलग से सृजित किया जाएगा।

      पीएम श्री विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के लिए विकास कोष, छात्र कोष, समग्र शिक्षा के तहत बैंक खाते और अन्य वित्तीय संसाधनों का संचालन उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा संयुक्त रूप से अन्य निर्देशित शिक्षकों के साथ किया जाएगा। कक्षा 6 से 8 तक के संचालन के लिए पहले से गठित विद्यालय शिक्षा समिति कार्यरत रहेगी। जबकि कक्षा 9 से 12 के लिए प्रबंधन समिति अलग से कार्य करेगी।

      शिक्षकों की उपलब्धता के आधार पर कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। कक्षा 6 से 8 तक के लिए पहले से नियुक्त शिक्षक अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। लेकिन शिक्षकों की कमी होने पर कक्षा 9 से 12 के शिक्षक भी इन कक्षाओं को संभालेंगे। इसके अलावा यू-डाइस कोड और समग्र शिक्षा के तहत एसएनए खाते के संचालन के लिए राज्य सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

      यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उस लक्ष्य को साकार करने की दिशा में उठाया गया है। जिसमें शिक्षा को अधिक समग्र, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण बनाने पर जोर दिया गया है। पीएम श्री विद्यालय योजना के तहत इन स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। ताकि छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिल सके। हालांकि इस विलय से मध्य विद्यालयों के समाप्त होने को लेकर स्थानीय स्तर पर कुछ चिंताएं भी उठ रही हैं। खासकर उन अभिभावकों के बीच जिनके बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते थे।

      जिला शिक्षा का कहना है कि यह बदलाव छात्रों के हित में है और इससे शिक्षा का स्तर ऊंचा उठेगा। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू होने वाली इस नई व्यवस्था को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह परिवर्तन जमीनी स्तर पर कितना प्रभावी साबित होता है।

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