“नालंदा विधायक एवं सुशासन बाबू के चहेते मंत्री श्रवण कुमार के संरक्षण में केएसटी डिग्री कालेज के प्राचार्य तथा डॉ संजीत कुमार दोनों हाथों से लूट रहे है। सरकार द्वारा दी गई अनुदान की राशि में भी अनियमितता की गंदी बू आ रही है…
बिहारशरीफ (नालन्दा दर्पण)। बिहारशरीफ के अस्पताल चौराहा पर इंकलाबी नौजवान सभा तथा शिक्षक कर्मचारी न्याय मंच की ओर से केएसटी कालेज में व्याप्त भ्रष्टाचार और दमन के खिलाफ एक दिवसीय धरना का आयोजन किया, लेकिन जिला प्रशासन ने लॉकडाउन का हवाला देकर धरना प्रदर्शन को बीच में ही बंद करा दिया।
इससे इंकलाबी नौजवान सभा ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन की इस कार्रवाई के पीछे कालेज के सचिव एवं नालंदा विधायक सह मंत्री श्रवण कुमार का हाथ बताया।
इंकलाबी नौजवान सभा और आइसा ने इसकी कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा शांतिपूर्ण धरना को जबरन हटवाया गया जो लोकतंत्र की आवाज का दमन है।
केएसटी कालेज में व्याप्त लूट खसोट के विरोध में आयोजित इस धरने को संबोधित करते हुए इनौस के राष्ट्रीय परिषद सदस्य तथा आइसा के जिला संयोजक सह राष्ट्रीय परिषद सदस्य जयंत आनंद ने कहा कि सरकार कहती हैं कि हमारे शासन में फर्जीवाड़ा, घोटाला बर्दाश्त नहीं करते हैं जबकि उनके ही जिले में यह सब हो रहा है।
दोनों ने आरोप लगाया है कि श्रवण कुमार के संरक्षण में केएसटी डिग्री कालेज के प्राचार्य तथा डॉ संजीत कुमार दोनों हाथों से लूट रहे है। सरकार द्वारा दी गई अनुदान की राशि में भी अनियमितता की गंदी बू आ रही है। सरकारी आदेश का उल्लंघन करते हुए मार्च,2008 के बाद नियुक्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को अनुदान की राशि दे रहे हैं।
केएसटी इंटर एवं केएसटी डिग्री महाविद्यालय में अलग-अलग शिक्षक हैं, एवं अलग-अलग अनुदान आता है। इसमें भी इंटर कॉलेज का अनुदान की राशि डिग्री कॉलेज में कार्यरत को इंटर का अनुदान राशि दिया जाता है।
इतना ही नहीं एक ही पद पर कार्यरत लिपिक शैलेंद्र कुमार को 20,000 तो दूसरे लिपिक को 60000 रुपए दिया जाता है।
भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष शैलेश कुमार को इसलिए अनुदान रोक दिया गया कि 2020 के लॉकडाउन में 4 माह का वेतन की मांग किया , उनके द्वारा किया गया झूठा मुकदमा में गवाह देने से इंकार कर गए थे ।
वित्त रहित शिक्षक कर्मचारी न्याय मंच के संयोजक डॉ शैलेश कुमार ने कहा कि केएसटी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ अशोक कुमार की वास्तविक जन्म तिथि 1950 है, जो आरटीआई द्वारा बिहार विद्यालय समिति द्वारा उपलब्ध कराया गया है, लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र के बल पर कुर्सी से अभी तक चिपके हुए हैं।
दूसरी तरफ इनके पुत्र संजीत कुमार द्वारा भी मौसम की तरह योगदान की तिथि एवं पद बदलते रहे ।इस तरह इनका योगदान का वर्ष 1989 ,1995, 1996 , 2006 एवं 2018 कुल मिलाकर 5 बार योगदान की तिथि है।
यह डिग्री कॉलेज में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष हैं। लेकिन 2018 में फर्जी तरीके से केएसटी इंटर कॉलेज के प्राचार्य का प्रभार अपने पिता डॉ अशोक कुमार से लिए हैं और महाविद्यालय में खुला लूट मचाए हुए हैं। 2010 से 2020 तक लगभग 20 से 30 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है ।
राज्य सरकार के पत्रांक 9 /विविध – 05/ 2020 ,115 के आदेश अनुसार महाविद्यालय के आंतरिक स्रोत से 70% वेतन मद में और 30% महाविद्यालय के रखरखाव में खर्च करना है।
लेकिन लगभग सभी महाविद्यालय के प्रचार सचिव गठजोड़ ने सरकारी आदेश को भी नहीं मानते हैं। और सरकार अपनी आदेश निकाल कर चुपचाप बैठ गई है। इसके कार्यान्वयन के लिए सरकारी तौर पर कोई आधिकारिक कार्यवाही सचेतन ढंग से नहीं होती है।
कमोबेश सभी महाविद्यालय के सचिव लगभग मंत्री और विधायक ही बने हुए हैं इसलिए सरकार भी मूकदर्शक की भूमिका में है।
इंकलाबी नौजवान सभा ने सरकार से मांग की है कि केएसटी कालेज के प्राचार्य के प्रमाणपत्र की जांच करायी जाए तथा एकल खाता संचालन पर रोक लगाया जाएं। प्रसार सचिव को बर्खास्त कर वरीयता के आधार पर इंटर का प्राचार्य नियुक्त करें। महाविद्यालय के वेतन पर राशि का 70 प्रतिशत और 30प्रतिशत के अनुपालन की गारंटी करे, सहित अन्य मांग शामिल है।
धरना में भाकपा माले के जिला कमिटी सदस्य पालबिहारी लाल , इनौस के जिला सह सचिव रामदेव चौधरी, आइसा के धर्मेंद्र कुमार, शंभु कुमार, बच्चु कुमार, उदय कुमार, अनुज कुमार, विरेश कुमार, प्रकाश राज, राजेश कुमार, ब्रहमदेव प्रसाद, चंदन कुमार, ओमप्रकाश, रामप्रीत केवट सहित दर्जनों लोग धरना में उपस्थित थे।
Super bhai mai bhi support karuga students bhai ko kyoki kst college lutiya ban gaya hai ,
Or chutiya giri kar raha teacher and principal