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    Friday, December 27, 2024
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      Rajgir Nagar Parishad: आउटसोर्सिंग ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज करने की तैयारी

      राजगीर (नालंदा दर्पण)। राजगीर नगर परिषद (Rajgir Nagar Parishad) द्वारा आउटसोर्सिंग ठेकेदार दीपक कुमार शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। इतना ही नहीं एफआईआर के बाद आउटसोर्सिंग ठेकेदार के फर्म को काली सूची में डालने का आदेश डीएम शशांक शुभंकर द्वारा दिया गया है। आउटसोर्सिंग ठेकेदार पर राजगीर प्राप्त करने में दस्तावेजों में छेड़-छाड़ और जाल फरेबी करने का गंभीर आरोपों की पुष्टि जांच में हुई है।

      इसके अलावा राजगीर एसडीओ कुमार ओमकेश्वर को निर्देश दिया गया है कि उक्त निविदा चयन की प्रक्रिया में शामिल सभी पदाधिकारियों और कर्मियों के नामों को चिन्हित कर अविलंब उन पर प्रपत्र ‘क’ आरोप पत्र गठित करें। डीएम के इस आदेश के बाद नगर परिषद में फिर हड़कंप मच गया है। डीएम द्वारा कार्रवाई के लिये निर्गत आदेश में कहा गया है कि आउटसोर्सिंग संवेदक दीपक कुमार शर्मा के विरूद्ध नगर परिषद्, राजगीर की निविदा लेने के लिए दस्तावेजों में छेड़-छाड़ संबंधी परिवाद पत्र दिया गया है।

      उक्त परिवाद पत्र की जांच उनके द्वारा उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जिला निगरानी धावा दल से कराया गया है। जिला निगरानी धावा दल से प्राप्त जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट होता है कि आउटसोर्सिंग संवेदक दीपक कुमार शर्मा द्वारा नगर परिषद् के वार्ड-18 में डोर-टू- डोर साफ-सफाई के लिए निविदा लेने के लिए समर्पित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का भुगतान पुष्टि रसीद क्रमांक- एक से सात तक सही नहीं है। रसीद में क्यूआर कोड अलग से कॉपी-पेस्ट किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि द्वारा डोर-टू-डोर साफ-सफाई के लिए निविदा प्राप्त करने के लिए दस्तावेजों में छेड़-छाड़ और जाल फरेबी किया गया है।

      डीएम द्वारा आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सात दिनों के अंदर इस कृत्य के लिये संवेदक दीपक कुमार शर्मा से स्पष्टीकरण करते हुए उन पर प्राथमिकी दर्ज करायें और उनके फर्म मेसर्स दीपक कुमार शर्मा को काली सूची में डालकर कार्रवाई करें।

      डीएम के आदेश बाद कार्यपालक पदाधिकारी सुनील कुमार द्वारा आउटसोर्सिंग ठेकेदार दीपक कुमार शर्मा से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है। आउटसोर्सिंग ठेकेदार दीपक कुमार शर्मा के खिलाफ लगाये गये आरोपों की जांच डीडीसी वैभव श्रीवास्तव सहित बिहारशरीफ के भूमि सुधार उपसमाहर्ता, साइबर सेल के पुलिस उपाधीक्षक, बिहारशरीफ के एसपीजी आरो, एडीएसएस के सहायक निदेशक और भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता से कराया गया है।

      डीडीसी द्वारा डीएम को सौंपी गयी जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि प्रथम दृष्टया पाया गया है कि संवेदक दीपक कुमार शर्मा द्वारा समर्पित विभिन्न दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर निविदा प्राप्त किया गया है। ठेकेदार दीपक कुमार शर्मा द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र, क्यूआर कोड, शपथपत्र, भविष्य निधि संगठन द्वारा निर्गत टीआरएन डिटेल्स से छेड़छाड़ और फर्जीवाड़ा किया गया है। टीआरएन डिटेल्स से संबंधित सभी दस्तावेज अलग-अलग संस्था या व्यक्ति के नाम से है। उक्त सभी दस्तावेजों में सारे तथ्यों को संवेदक द्वारा छेड़छाड़ और फर्जीवाड़ा कर प्रस्तुत किया गया है।

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