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    Sunday, September 8, 2024
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      ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने नालंदा जिला में क्रियान्वित विभागीय योजनाओं को लेकर की समीक्षा बैठक

      बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। सचिव ग्रामीण विकास विभाग, बिहार डॉ. एन. सरवण कुमार ने आज हरदेव भवन सभागार में विभागीय योजनाओं के नालंदा जिला में कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की।

      उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव द्वारा पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मनरेगा, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान एवं जीविका  के तहत जिला में किए गए कार्यों के बारे में एक-एक कर जानकारी दी गई।

      प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के बारे में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए निर्धारित लक्ष्य 35961 के विरुद्ध 35957 आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। इनमें से अब तक 34946 लाभुकों द्वारा आवास निर्माण का कार्य पूरा किया गया है। सचिव ने द्वितीय एवं तृतीय किस्त के लंबित मामलों में निर्माण का कार्य मानक के अनुरूप पूरा कराते हुए भुगतान सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।

      वर्ष 2016-17 से वर्ष 2019-20 तक की अवधि के निर्धारित लक्ष्य 30744 के विरुद्ध 30733 आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई। जिनमें से 30317 लाभुकों द्वारा आवास निर्माण का कार्य पूरा कराया गया। किश्त की राशि लेने के उपरांत भी आवास निर्माण कार्य पूरा नहीं कराने वाले 315 लाभुकों के विरुद्ध राशि की वसूली हेतु नीलाम पत्र वाद संचालित किया जा रहा है।

      मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 1111 के लक्ष्य के विरुद्ध 1040 लाभुकों द्वारा आवास निर्माण का कार्य पूरा कराया गया है। सचिव ने शेष आवास का निर्माण कार्य प्राथमिकता से पूरा कराने को कहा।

      मनरेगा की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि वर्ष 2023 24 में मई माह तक 24 लाख 54 हजार 606 मानव दिवस का सृजन जिला में हुआ है। मानव दिवस सृजन में अस्थावां, वेन, करायपरशुराय एवं नगरनौसा प्रखंड में विगत वर्ष की तुलना में बेहतर कार्य हुआ है।

      इन सभी प्रखंडों के प्रोग्राम पदाधिकारी के कार्यों की सराहना सचिव द्वारा की गई। दूसरी तरफ बिहार शरीफ एवं गिरियक प्रखंड में विगत वर्ष की तुलना में स्थिति असंतोषप्रद पाई गई। सचिव ने दोनों प्रखंडों के प्रोग्राम पदाधिकारी को स्पष्ट एवं सख्त लहजे में कार्य में अपेक्षित सुधार लाने का निर्देश दिया।

      बताया गया कि मनरेगा के माध्यम से वृक्षारोपण हेतु 550 से अधिक योजनाओं को चिन्हित किया गया है।

      बताया गया कि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत 253 जीविका दीदियों की आजीविका के लिए मनरेगा के कन्वर्जेंस के माध्यम से पशु एवं बकरी शेड का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें से 182 योजनाओं का कार्य पूरा भी किया जा चुका है। 38 जगहों पर दीदी की पौधशाला का भी सृजन किया गया है।

      मनरेगा के माध्यम से जिला में 80 नए आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण, 18 पुराने आंगनबाड़ी केंद्र का जीर्णोद्धार, 44 कचरा प्रबंधन इकाई का निर्माण, 25 तालाब का सौन्दर्यीकरण एवं छठ घाट का निर्माण, 31 जल निस्तारण की योजनाएं, 20 चेक डैम का निर्माण,  विद्यालयों में चारदीवारी एवं मनरेगा पार्क निर्माण की 13 योजनाएं, खेल मैदान विकास की 21 योजनाएं आदि मुख्य रूप से मनरेगा के माध्यम से कराए जाने वाले कार्यों में शामिल है।

      लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 के अंतर्गत कचरा प्रबंधन इकाई (वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट- डब्ल्यू पी यू) के निर्माण के निर्माण हेतु 166 पंचायतों का चयन किया गया। इनमें से 149 पंचायतों में डब्ल्यूपीयू के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है। जिनमें से 39 पंचायतों में निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है। शेष 110 पंचायतों में डब्ल्यूपीयू का निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में प्रगति पर है। सभी निर्माणाधीन योजनाओं का कार्य तेजी से पूरा कराने को कहा गया।

      पंचायतों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण हेतु निर्धारित उपभोक्ता शुल्क का नियमित रूप से संग्रहण सुनिश्चित कराने का निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया गया। जिला में अब तक 168 पंचायतों में से 101 पंचायतों में ही उपभोक्ता शुल्क संग्रहण का कार्य प्रारंभ किया गया है। उपभोक्ता शुल्क के रूप में अब तक लगभग एक लाख 60 हजार रुपए का संग्रहण किया गया है। अन्य सभी पंचायतों में भी उपभोक्ता शुल्क का संग्रहण सुनिश्चित करने का स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया।

      उप विकास आयुक्त ने बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए जिला के 60 पंचायतों को ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन की योजना से आच्छादित करने का लक्ष्य निर्धारित है। इनमें से 22 पंचायतों के लिए योजना का प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है। शेष 38 पंचायतों के प्राक्कलन तैयार करने का कार्य प्रक्रियाधीन है।

      जीविका के संबंध में बताया गया कि जिला में कुल 29 हजार 566 जीविका समूह के माध्यम से 3 लाख 50 हजार 451 परिवार जुड़े हैं। जीविका द्वारा वित्त पोषित समूह की संख्या 28 हजार 439 है। जिला में जीविका के 148 बैंक सखी ग्राहक सेवा केंद्र हैं।

      सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत एकीकृत परिसंपत्ति के सृजन हेतु 4245 परिवारों को सहयोग दिया गया है।

      सचिव ने बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों को संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन समय बद्ध ढंग से सुनिश्चित करने को कहा। योजनाओं के कार्यान्वयन में विभागीय प्रावधानों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया। जहां भी किसी तरह की दुविधा हो, उचित माध्यम से विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त करने को कहा गया। सभी पदाधिकारियों को विभागीय प्रावधान के तहत निर्धारित न्यूनतम योजनाओं का अनिवार्य रूप से भौतिक निरीक्षण सुनिश्चित करने को कहा गया।

      उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी के कारण सभी प्रकार की योजनाओं की जानकारी निर्धारित पोर्टल या डैश  बोर्ड पर ऑनलाइन उपलब्ध है। सभी स्तर के पदाधिकारियों को नियमित रूप से पोर्टल/ डैशबोर्ड पर उपलब्ध जानकारी के माध्यम से योजनाओं के अद्यतन स्थिति की निरंतर समीक्षा करनी चाहिए। अच्छे कार्य करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करें तथा लगातार खराब कार्य करने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मियों को विभागीय प्रावधान के अनुरूप दंडित भी करें।

      बैठक में उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव, निदेशक डीआरडीए विवेक चंद्र पटेल, डीपीओ मनरेगा, जिला समन्वयक लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रोग्राम पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, बीपीएम जीविका एवं सभी आवास पर्यवेक्षक उपस्थित थे।

       

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